आपको बता दें कि दिल्ली में कोचिंग सेंटर में हुए हादसे के बाद पत्रिका ने सोमवार को मध्य प्रदेश के कोचिंग संस्थानों के हाल पर खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गाइड लाइन जारी कर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके बाद खासतौर पर प्रदेश के बड़े शहरों वाले जिलों के कलेक्टरों ने सर्चिंग अभियान के आदेश जारी किए और मंगलवार से प्रशासनिक अमले ने इंदौर, भोपाल और ग्वालियर में व्यापक स्तर पर कार्रवाई की। इस दौरान सील किए गए सभी संस्थानों में अव्यवस्थाओं का अंबार देखने को मिला।
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भोपाल के ये 2 कोचिंग सेंटर सील
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के निर्देशन में शहर के कोचिंग हब एमपी नगर जोन-2 में छापामार कार्रवाई की गई। एसडीएम आशुतोष शर्मा की टीम ने यहां कई अनियमितताएं पकड़ने के बाद ऑरस एकेडमी और कौटिल्य एकेडमी का बेसमेंट सील कर दिया। जबकि, 3 अन्य कोचिंग संचालकों को चेतावनी दी गई। भोपाल में द लैंप कलासेज, अनएकेडमी सेंटर, रेजोनेंस क्लासेस, स्टेप अप अकादमी, नीट मेंटर, मितेश राठी क्लासेस, फिजिक्स वाला कोचिंग, दुर्रोनी क्लासेस का भी निरीक्षण किया गया।इंदौर के 14 कोचिंग और लाइब्रेरी सील
कलेक्टर आशीष सिंह ने इंदौर में सभी एसडीएम को जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। मंगलवार को जूनी इंदौर एसडीएम घनश्याम धनगर ने टीम के साथ भंवरकुआं क्षेत्र के बेसमेंट में चल रही कोचिंग क्लासेस, लाइब्रेरी और अन्य संस्थाओं की जांच की। इसमें कोचिंग, लाइब्रेरी व एक भोजन शाला को मिलाकर 14 संस्थाओं को सील कर दिया। अधिकांश जगह घटना होने पर विकट परिस्थिति बन सकती है। मुहिम के नोडल अधिकारी अपर कलेक्टर रोशन राय के मुताबिक शहर के सभी कोचिंग व लाइब्रेरियों की जांच की जाएगी।ग्वालियर में 3 सेंटर सील
ग्वालियर कलेक्टर के आदेश के बाद निगम अमले ने शहर के लक्ष्मीबाई कॉलोनी में कॉमर्स वर्ल्ड क्लासेज, श्रीराम टॉवर में कोचिंग क्लासेज, एमजीडी ओऔतिकी कोचिंग को सील किया। वहीं, कैलारस कस्बे में 8 बेसमेंट दफ्तरों पर ताले लगाए गए, जबकि मुरैना में 326 बेसमेंट चिहिनत कर नोटिस जारी किए गए हैं। यह भी पढ़ें- Gold Silver Price : सोना-चांदी के दाम में भारी गिरावट, खरीदने का मन बना रहे हैं तो पहले यहां चेक कर लें लेटेस्ट रेट
जहां ऐसी गड़बड़ियां मिलीं, वो संस्थान सील
-बेसमेंट में अव्यवस्थित तरीके से बच्चों को बिठाकर पढ़ाया जा रहा था। -बेसमेंट में पानी भरा था। इसे स्टोर रूम की शकल दी गई थी। -कई बिल्डिंग में फायर एनओसी तक नहीं मिली। -बेसमेंट का इस्तेमाल पार्किंग के अलावा अन्य व्यवसायिक गतिविधियों में किया जा रहा था।