इससे पहले बुधवार को नगर निगम बजट सत्र के दौरान शहर में कुत्तों के आतंक ( dog bite in posh area ) को लेकर चर्चा कराने की मांग को लेकर सदन में हंगामा हुआ। साथ ही आवारा कुत्तों stray dogs के मामले पर सदन में कांग्रेस पार्षद धरने पर बैठ गए। जिसके चलते काफी देर तक बजट चर्चा नहीं हो सकी।
मानव अधिकार आयोग ने भी लिया था संज्ञान
इससे पहले मानव अधिकार आयोग ने भी आवारा कुत्तों के आतंक से मासूमों की जान जाने की भयंकर घटनाओं के बाद मामले को संज्ञान में लिया था।
उस समय अध्यक्ष नरेंद्र कुमार जैन ने इस मामले में राज्य सरकार से कई अनुशंसाएं की। मानव अधिकार आयोग ने साफ किया था कि सरकार इन अनुशंसाओं को अपनी योजनाओं में समाहित कर नागरिकों की सुविधा का प्रबंध करे।
जिसके बाद मध्यप्रदेश शासन की ओर से आम जनता की सुरक्षा को देखते हुए एक एडवाइजरी जारी की गई। इसके अनुसार खूंखार, बीमार और अवारा कुत्तों को कैद करने के लिए सभी नगरीय निकायों में डॉग हाउस बनाए जाएंगे। उनकी देख-रेख करने के लिए पशु चिकित्सकों और नगर निगम का अमला तैनात किया जाएगा।
इस संबंध में नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने सभी निकायों से कहा गया था कि वे दो साल के भीतर अपने क्षेत्रों में कुत्तों की गणना, टीकाकरण, बधियाकरण भी करें, जिससे आवारा कुत्तों की जनसंख्या पर नियंत्रण लगाया जा सके।
नगरीय प्रशासन ने निकायों से कहा गया कि वे अवारा कुत्तों की गणना वैज्ञानिक तरीके से कराएं, हर निकायों में एक काल सेंटर बनाया जाए, जो सिर्फ लोगों को यह बताएं कि आवारा कुत्तों के काटने पर वे क्या उपाय करें और अवारा कुत्तों को पकडऩे की सूचनाएं अमले को दें।
कुत्तों की संख्या के अनुसार निकायों में वाहन और उन्हें पकडऩे के लिए कर्मचारियों का एक सेल बनाया जाए। यह सेल अवारा कुत्ते के काटने की सूचना मिलते वाहन लेकर मौके पर पहुंचकर कुत्ते को पकड़ेगा तथा पीडि़त को अस्पताल में भर्ती कराने की व्यवस्था करेगा।
अस्पतालों में 24 घंटे रखें रैबीज के इंजेक्शन
नगरीय प्रशासन ने अस्पतालों को निर्देश दिए हैं वे चौबिसों घंटे रैबीज के इंजेक्शन रखें। निकायों से कहा है कि वे समय-समय पर खूंखार, अवारा, रैबिज और बीमार कुत्तों का समय समय पर सर्वे कराए।
जन जागरुकता अभियान चलाकर लोगों को यह भी बताया जाए कि कुत्ते के काटने पर वे क्या करें और इसकी सूचना किस फोन नम्बर पर दें।