राजेंद्र जैन आम्रपाली के वकील विजय चौधरी ने बताया कि पुलिस की कहानी के अनुसार बिजनेस पार्टनर राजेंद्र जैन आम्रपाली, मुकेश जैन राजेश जैन और सुनील भदोरिया ने कारोबारी रंजिश के चलते साजिश रच कर भाड़े के हत्यारों से विद्रोही की हत्या कराई थी। ।हालांकि कोर्ट में पुलिस चारों पर लगे आरोप साबित नहीं कर सकी। अदालत में गवाहों ने अभियोजन की कहानी का समर्थन नहीं किया।
ऐसे हुआ था हत्याकांड का खुलासा जांच के दौरान पिपलानी पुलिस को विद्रोही का मोबाइल मिला था। जांच में पाया गया कि हत्या के पहले विद्रोही की लगातार फोन पर बिजनेस पार्टनरों से बातचीत हो रही थी। जिस नंबर पर ज्यादा बार बातचीत हुई उसकी लोकेशन घटनास्थल के आसपास की थी। जांच में नंबर विदिशा के रहने वाले सुनील भदोरिया का निकला। सुनील भदोरिया ने पुलिस को दिए मेमोरेंडम में बताया कि उसने राजेंद्र जैन आम्रपाली, मुकेश जैन और राजेश जैन के कहने पर गवालियर के शूटरों से हत्या करवाई है। भदोरिया ने बताया था कि हत्या का सौदा 15 लाख में तय हुआ था।