सारनी पावर प्लांट में सेवा दे रही आउटसोर्स कंपनी कर्मचारियों को महज 8-10 हजार रुपए मासिक वेतन दे रही है। यहां काम कर रहे 1500 से ज्यादा ठेका कर्मचारियों के साथ ऐसा अन्याय हो रहा है। वेतन विसंगति, श्रेणी पदोन्नति न देने और जब तब नौकरी से निकालने की धमकी देने की भी बात कर्मचारियों ने बताई।
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ऑल डिपार्टमेंट आउटसोर्स एवं अस्थाई कर्मचारी मोर्चा के अध्यक्ष वासुदेव शर्मा ने बैठक में उपस्थित कर्मचारियों को बताया कि पावर प्लांटों में काम करने वाले ठेका कर्मचारियों को तय न्यूनतम वेतन मिलना चाहिए। इसके अनुसार अकुशल श्रमिकों को 20358, अर्द्ध कुशल को 22568 रुपए, कुशल श्रमिकों को 24804 और उच्च कुशल श्रमिक को 26910 रुपए प्रति माह देय है।
ऑल डिपार्टमेंट आउटसोर्स एवं अस्थाई कर्मचारी मोर्चा के अध्यक्ष वासुदेव शर्मा ने बैठक में उपस्थित कर्मचारियों को बताया कि पावर प्लांटों में काम करने वाले ठेका कर्मचारियों को तय न्यूनतम वेतन मिलना चाहिए। इसके अनुसार अकुशल श्रमिकों को 20358, अर्द्ध कुशल को 22568 रुपए, कुशल श्रमिकों को 24804 और उच्च कुशल श्रमिक को 26910 रुपए प्रति माह देय है।
मोर्चा के अध्यक्ष वासुदेव शर्मा के मुताबिक न्यूनतम वेतन खुद सरकार ने तय किया है। ठेका कर्मचारियों को केंद्र सरकार का न्यूनतम वेतन मिलना चाहिए, लेकिन कंपनी कलेक्टर दर से भुगतान कर रही है। इस तरह कर्मचारियों के वेतन से प्रतिमाह 10 हजार रुपए तक की लूट हो रही है। पूरा न्यूनतम वेतन मिले, इसके लिए अभियान चलाया जाएगा।