ये है अपेक्षाएं
1. मौसम में भारी बदलाव होने की स्थिति में स्कूलों के समय में परिवर्तन संबधित आदेश स्वत: संज्ञान न लें।
2. आदेश पालन के लिए कम से कम 1 दिन का समय दें।
3. शीतकाल में न्यूनतम 5 से कम और ग्रीष्म में 42 डिग्री से अधिक होने पर निर्णय संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र से परामर्श के बाद ही लें।
4. अन्य अपरिहार्य परिस्थिति में आयुक्त, लोक शिक्षण और संचालक, राज्य शिक्षा केन्द्र से सहमति लें।
5. राज्य स्तर से निर्धारित परीक्षाएं निर्धारित समय पर होंगी। उल्लंघन पर डीईओ या डीपीसी पर कार्रवाई होगी।
इसलिए निकालना पड़ा आदेश
विशेषज्ञों का कहना है कि कलेक्टर स्व-विवेक के आधार जिलों के स्कूलों में अवकाश या समय-परिवर्तन कर दिया करते थे। इसके कारण ऐसे अनेक शैक्षणिक कार्य जो राज्य शिक्षा केंद्र या फिर लोक शिक्षण संचालनालय के द्वारा निर्धारित या संचालित होते थे, उन पर असर पड़ता था। जो प्रोग्राम पूरे प्रदेश में एकरूपता के साथ होने चाहिए, वे भी प्रभावित हो जाते थे। जिससे कई जिलों में निर्धारित शैक्षणिक दिवस और शैक्षणिक कालखण्ड भी पूरे नहीं हो पाते थे।