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भोपाल

मंदिर परिसर में एकत्रित करते हैं अनुपयोगी कपड़े, जो इस्तेमाल लायक नहीं होते उसके बनाते हैं बैग

– अन्य कपड़े और सामग्री करते हैं जरूरतमंदों को वितरित भोपाल. पुराने शहर के लखेरापुरा स्थित श्रीजी मंदिर में धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ सामाजिक और मानव सेवा के कार्य भी किए जाते हैं।

भोपालJan 26, 2022 / 10:40 am

प्रवीण सावरकर

मंदिर परिसर में एकत्रित करते हैं अनुपयोगी कपड़े, जो इस्तेमाल लायक नहीं होते उसके बनाते हैं बैग

मंदिर परिसर में एक डिब्बा रखा गया है, जिसमें लोग घर के अनुपयोगी कपड़े, कॉपिया सहित अन्य सामग्री डाल देते हैं। इसके बाद यहां जो सामग्री एकत्रित होती है, उसे गरीब और जरूरतमंदों को बांट दिया जाता है, जबकि जो कपड़े इस्तेमाल लायक नहीं होते हैं, उसके बैग बनाकर वितरित किए जाते हैं, ताकि पॉलीथिन का इस्तेमाल खत्म हो। मंदिर के श्रीकांत शर्मा ने बताया कि विगत कई सालों से मंदिर में यह कार्य किया जा रहा है। हेल्प बॉक्स और एक्टिव ब्लड लाइफ सेवर संस्था के सहयोग से यह कार्य किया जा रहा है। मंदिर परिसर में लगे बॉक्स में कई लोग यहां अनुपयोगी कपड़े, पेन, कॉपिया सहित अन्य सामान यहां लाकर डालते हैं। जब यह बॉक्स भर जाता है, तो बस्तियों, ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर इसका वितरण किया जाता है।
बैग बनाकर करते हैं वितरण
इस बॉक्स में कई लोग कपड़े लाकर डालते हैं। इसमें से जो कपड़े अच्छे होते हैं, उसका वितरण कर दिया जाता है, जबकि जो कपड़े पहनने लायक नहीं होते हैं, उन कपड़ों का बैग बनाते हैं और उसका वितरण करते हैं। इसके पीछे उद्देश्य यहीं है कि प्लास्टिक और पॉलीथिन का इस्तेमाल कम हो और पर्यावरण सुरक्षित रहे।
मंदिर में साल भर होते हैं आयोजन
लखेरापुरा स्थित श्रीजी मंदिर शहर के प्राचीन मंदिरों में शामिल है। यहां पूरे वर्ष आयोजनों का सिलसिला चलता है। महाशिवरात्रि के बाद होली तक यहां होली उत्सव का आयोजन किया जाता है। इसी प्रकार प्रमुख महीनों में कई आयोजन होते हैं। सावन माह में हिंडोला उत्सव का आयोजन भी यहां धूमधाम से किया जाता है। दीपोत्सव के तहत भी मंदिर में अनेक आयोजन होते हैं। धार्मिक आयोजनों के साथ-साथ यहां सेवा कार्य भी किए जाते हैं।

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