जारी एडवाइजरी के अनुसार, रोग की पहचान और नियंत्रण के सतर्क रहने की हिदायत दी गई है। साथ ही संक्रमित इलाके से अन्य क्षेत्रों में पशुओं का आवागमन प्रतिबंधित करने के निर्देश दिये गए हैं। संक्रमित इलाकों के बाजार में पशु बिक्री, प्रदर्शनी, खेल पर प्रतिबंधित कर दी गई है। संक्रमित इलाके में बीमारी फैलाने वाले मक्खी-मच्छर की रोकथाम से जुड़े निर्देश भी दिये गए हैं। एक संक्रमित पशुओं से दूसरे पशुओं में लंपी वायरस फैल रहा है।
यह भी पढ़ें- बारिश से बचने के लिए जिस पेड़ के नीचे खड़े थे बच्चे उसी पर आ गिरी आकाशीय बिजली, 3 की मौत, 2 गंभीर झुलसे
पशुओं में लंपी के लक्षण
जानकारों की मानें तो गायों और पशुओं को होने वाली ये बीमारी, लम्पी डिजीज है। माना जा रहा है कि ये डिजीज पाकिस्तान के रास्ते भारत में फैली है। लंपी वायरस में पशुओं के भीतर शुरुआती अवस्था में त्वचा पर चेचक, नाक बहना, तेज बुखार जैसे लक्षण दिखते हैं। इस वायरस की वजह से पशुओं को काफी तेजी बुखार आता है। बुखार आने के बाद उनकी शारीरिक क्षमता काफी कम हो जाती है। कुछ दिन में पशुओं के शरीर पर चकत्ते पड़ जाते हैं।
लंपी डिजीज फैलने का कारण
एक्सपर्टस् का ये भी कहना है कि, लंपी डिजीज संक्रमित गाय के संपर्क में आने से दूसरी गायों में फैल रहा है। ये मक्खी, मच्छर या फिर जूं द्वारा खून चूसने के दौरान भी फैलका है। इसके अलावा दूषित गाय के सीधे संपर्क में आने से भी फैल सकता है। इसके कारण अबतक कई गायों की मौत हो चुकी है।
लंपी वायरस से बचाव
-संक्रमित पशुओं को अपने पालतू जानवरों से दूर रखें।
-मवेशियों के आसापास की जगहों को साफ करें।
-पालतू जानवर जहां रहते हैं वहां मच्छरों और मक्खियों को पनपने से रोकें।
पुलिस ने किया सेक्स रैकेट का पर्दाफाश, देखें वीडियो