इसके साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य, किसान, रोजगार, अधोसंरचना पर भी फोकस है। ऐसे में सरकार ने आमजन से राय मांगी है। असल में सरकार चाहती है कि आमजन ही बताएं कि बजट कैसा हो और किस पर फोकस किया जाए। खर्चे कैसे कम हों। बेहतर सुझावों को बजट में शामिल किया जाएगा। राज्य सरकार के खजाने की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। बजट का आकार बढ़ा है तो कर्ज भी बढ़ा है। स्थिति यह है कि बजट से ज्यादा राज्य पर कर्ज है। खर्च कम करने के प्रयास तो हो रहे हैं, लेकिन ये प्रयास नाकाफी हैं।
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ऑफलाइन सुझाव मांगे
ऐसे में राज्य में कर्ज का बोझ बढ़ा है। सरकार ये बोझ कम करना चाहती है। अनावश्यक खर्चों में कटौती भी की जा रही है। सरकार चाहती है कि आमजन भी सुझाव दें। बजट को लेकर भी कुछ इसी तरह की कवायद हो रही है। सरकार ने ऑनलाइन और ऑफलाइन सुझाव मांगे हैं। शिक्षा, रोजगार, कृषि, उद्योग, ग्रामीण विकास, शहरी विकास, सड़क, अन्य अधोसंरचना, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, सामाजिक कल्याण, राजस्व संग्रहण, प्रशासनिक सुधार आदि पर लोग सुझाव दे सकते हैं। सुझाव 15 जून तक देने कोकहा गया है।