मध्यप्रदेश की राज्यसभा सीट के लिए 21 अगस्त को नामांकन भरने का अंतिम दिन है। बीजेपी आज अपना प्रत्याशी घोषित करने वाली है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक प्रत्याशी का नाम तय करने के लिए केंद्रीय नेतृत्व की ओर से प्रदेश कोर कमेटी की राय मांगी गई थी। हालांकि अंतिम मुहर दिल्ली से ही लगाई जाएगी।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुना लोकसभा सीट से चुनाव जीतने के बाद राज्यसभा से त्यागपत्र दे दिया था। सिंधिया के इस्तीफे से खाली हुई इस सीट पर सबसे प्रबल दावेदारी केपी यादव की बताई जा रही है। इससे राज्यसभा की रेस में शामिल बीजेपी के अन्य दिग्गज नेता काफी चिंतित भी हैं। दरअसल अमित शाह लोकसभा चुनाव के दौरान भरे मंच से कह चुके हैं कि केपी यादव की चिंता करने की किसी को जरूरत नहीं है। वो उनकी खुद चिंता करेंगे। तभी से राज्यसभा की दौड़ में केपी यादव का नाम अग्रिम पंक्ति में शामिल है।
प्रदेश के पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, जयभान सिंह पवैया सहित अन्य नेता भी इस दौड़ में शामिल है। इसी के साथ लोकसभा चुनाव के समय कांग्रेस से पाला बदलकर भाजपा में शामिल हुए नेता भी आस लगाए बैठे हैं।
हालांकि पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह की भाजपा अक्सर राज्यसभा सीटों में नामों को लेकर चौंकाती रही है। कुछ ऐसा ही एमपी की इस सीट पर भी हो सकता है। राज्यसभा सीट के लिए किसी बाहरी नेता की भी केंद्रीय नेतृत्व की ओर से एंट्री करवाई जा सकती है, ऐसी संभावनाएं भी आकार ले रही हैं। दरअसल कई ऐसे दिग्गज नेता हैं जो लोकसभा चुनाव में हार चुके हैं लेकिन केंद्रीय नेतृत्व उनकी सक्रियता के कारण उन्हें राष्ट्रीय फलक की सियासत में बरकार रखना चाहता है।
बाहरी नेताओं में केंद्रीय राज्य मंत्री जार्ज कुरियन का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। वे केरल में बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं और पार्टी के महासचिव भी हैं। प्रदेश के किसी नेता के बजाय दूरगामी रणनीति को देखते हुए किसी बाहरी नेता को मौका देने पर कुरियन का दावा सबसे मजबूत है।