भोपाल

भीषण गर्मी में हैं इस बार रमज़ान, रोज़ेदार इस तरह रखे अपनी सेहत का ख्याल

अगर हम सेहतमंद रहेंगे तो रमजान के दिनों में ज्यादा से ज्यादा इबादत में वक्त बिता सकेंगे। इसलिए भी हमें इस सीजन में अपने खानपान का ख्याल रखना जरूरी है।

भोपालApr 28, 2020 / 04:26 pm

Faiz

भीषण गर्मी में हैं इस बार रमज़ान, रोज़ेदार इस तरह रखे अपनी सेहत का ख्याल

भोपाल/ रमजान का पाक महीना शुरु हो चुका है। इस महीने अकीदतमंद अल्लाह की इबादत करते हैं। दिन को रोज़ा रखते हैं और रात में इबादत करते हैं। इस बार के रमज़ान बीते साल के मुकाबले अधिक गर्मी के दिनों में आए हैं। जिसके चलते इस बार के रोज़े पिछली बार के मुकाबले और भी ज्यादा सख्त हैं। ऐसे में रोजदार के लिए अपनी सेहत का ख्याल रखना ज्यादा जरूरी है। जैसा कि, हम सभी जानते हैं कि, मोमिन (अल्लाह की मानने वाला) की इबादत पर सीजन का कोई असर नहीं, लेकिन फिर भी रोज़ा रखने वाला इंसान ही है, जिसपर जरा भी बद अहतियादी भारी पड़ सकती है। ऐसे में हमें अपने खान-पान का ध्यान रखना जरूरी है। अगर हम सेहतमंद रहेंगे तो ज्यादा से ज्यादा इबादत में वक्त बिता सकेंगे। इसलिए भी हमें इस सीजन में अपने खानपान का ख्याल रखना जरूरी है।

 

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तो आइए जानते हैं गर्मी के दिनों में एक रोजेदार किस तरह अपनी सेहत का ख्याल रख सकता है…

-भारी खाने से बचें

आमतौर पर लोग मानते हैं कि, सेहरी या इफ्तार के वक्त कुछ भारी खा लेने से लंबे समय तक भूख लगने से बचा जा सकता है। लेकिन, ऐसा सोचना बिल्कुल गलत है। गर्मी के दिनों में रोजे के वक्त भूख से ज्यादा प्यास की शिद्दत हो सकती है। अगर खासकर हम सेहरी में ज्यादा भारी खाना खाते हैं, तो रोज़े की हालत में प्यास ज्यादा लगती है। साथ ही, अपच के कारण खट्टी डकारें भी आ सकती हैं, जो रोज़े को मकरूह (खंडित) करने की वजह बनती हैं। जिसकी वजह से रोज़े के वक्त इबादत में खलल (अवरुद्घ) होता है। इसलिए खासतौर पर सेहरी में हल्का खाना ही खाएं।

 

-तली चीजें खाने से बचें

सहरी या इफ्तार के वक्त तली हुई चीजों को खाने से बचें। अकसर लोग इफ्तार के वक्त ज्यादातर तली हुई चीजें खाना ही पसंद करते हैं। इसके पीछे उनका मानना होता है कि, इन चीजों से मूह का टेस्ट सही हो जाएगा। लेकिन दिनभर रोजे के चलते भूखा रहने के बाद आप तली हुई चीजें खाते हैं, तो ये आपकी सेहत नुकसान पहुंचा सकती हैं। मूह का टेस्ट सही करने के लिए आप बिना तेल में तली हुई किसी नमकीन चीज को अपने इफ्तार के दस्तरखान पर रख सकते हैं। साथ ही याद रखें कि, सहरी के वक्त हरी पत्तेदार सब्जियां और सलाद खाने से ज्यादा खाएं, ताकि रोजे की हालत में शरीर में पानी का बेलेंस बना रहे।

 

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-प्रोटीन और फाइबर हैं फायदेमंद

सहरी करते वक्त प्रोटीन और फाइबर वाली चीजों को भरपूर मात्रा में लेने की कोशिश रखें। इनमें मल्टीग्रेन रोटी, छिलके समेत फल, अंडे, पनीर, चिकन आदि खाएं। प्रोटीन और फाइबर वाली चीजें खाने में लेने से लंबे वक्त तक प्यास नहीं लगती, साथ ही इससे ज्यादा देर तक पेट भी भरा रहता है। याद रखें कि, खाना कम से कम मसालों में ही बनाएं। ताकि, गरम मसालों की गरिष्ठता रोजे को नुकसान ना पहुंचाए।


-कैफिन से बचें

अकसर लोगों की आदत होती है कि, वो खाने के बाद चाय या कॉफी पीना पसंद करते हैं। लेकिन, सहरी के दौरान कैफिन वाली चीजों से बचें। चाय या कॉफी पीने के बाद तो आपको फोरी तौर पर तो अच्छा लग सकता है। लेकिन ये आपके शरीर का पानी सोख लेता है, जिसके चलते प्यास लग सकती है।


-हल्की चीजों से करें इफ्तार की शुरुआत

इफ्तार का वक्त होते ही अकसर लोग खाना भी खा लेते हैं, लेकिन ऐसा करना सेहत के लिए नुकसान दे हो सकता है। हमेशा रोजा खजूर से खोलने की कोशिश करना चाहिए। अगर खजूर न हो तो पानी से खोल सकते हैं। इससे सेहत को फायदा तो होगा ही, साथ ही एकदम कोई ऑइली चीज खाने की वजह से एसिडीटी, उल्टी या पेट दर्द की संभावना भी नहीं रहेगी।

 

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-पानी की पूर्ति करें

रोज़े की हालत में लोग अपने काम भी करते हैं। ऐसे में उनके शरीर का वॉटर लेवल काफी तेजी से गिरता है। इसलिए रोज़ा खोलने के बाद से लेकर सहरी तक जितना हो सके पानी पियें ताकि, शरीर को पानी की पूर्ति होती रहे। लेकिन याद रखें रोज़ा खोलते वक्त एक दम से ठंडा पानी या कोल्ड ड्रिंक पीना काफी नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए रोज़ा खोलते वक्त कम पानी पियें फिर बाद में ज्यादा से ज्यादा पानी पी सकते हैं।


अल्लाह को ऐसा रोज़ेदार पसंद हैं

इन छोटी-छोटी बातों का अपने खानपान में ध्यान रखकर हम एक सेहतमंद रोज़ा रख सकते हैं। हालांकि, हदीस का मफूम (मायने) है कि, अल्लाह को उस रोज़े के दौरान की गई इबादत ज्यादा मकबूल (पसंद) है, जिसमें भूख और प्यास शामिल होते हुए अपने रब के सामने झुका जाए और उससे मांगा जाए। अल्लाह हमें इस रेहमतों और बरकतों से भरे मुबारक महीने में ज्यादा से ज्यादा इबादत करने की तौफीख दे और रोज़े का सही हक़ अदा करने की तोफीख दे…।

 

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