नोटिस मिलने के बाद बीसीएलएल ने अपने प्राइवेट बस ऑपरेटरों से ये पैसा शासकीय खाते में जमा करने कहा था, लेकिन बस ऑपरेटरों ने भुगतान से इनकार कर दिया है। ऑपरेटरों का तर्क है कि बीसीएलएल से निर्देश मिलने के बाद ही ग्रामीण रूट एवं शहर से बाहर मंडीदीप तक बसों का संचालन किया गया था इसलिए यह राशि बीसीएलएल को अपने खाते से जमा करनी होगी। इधर संस्था और बस ऑपरेटरों के विवाद के चलते 1 जनवरी से शहर में लो फ्लोर बसों का संचालन बंद होने की कगार पर है। साल 2023 के रूट परमिट 31 दिसंबर की रात समाप्त हो जाएंगे।
हाईकोर्ट में ऐसे गया मामला बीसीएलएल द्वारा शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में बसों का संचालन करने से प्राइवेट बस ऑपरेटरों को खासा नुकसान हो रहा था। इस मामले को हाईकोर्ट में ले जाकर चैलेंज किया गया था। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद बीसीएलएल प्रबंधन से कार्रवाई के दस्तावेज मांगे थे। हाई कोर्ट में बीसीएलएल गजट नोटिफिकेशन की कॉपी नहीं दिखा पाया था। दरअसल बीसीएलएल प्रबंधन ने बगैर किसी गजट नोटिफिकेशन के ही ग्रामीण रूट पर बस सेवा का संचालन कर दिया था। अक्टूबर 2023 को जारी आदेश में हाईकोर्ट ने इस संचालन को अवैध करार दे दिया था। बीसीएलएल प्रभारी मनोज राठौर ने कहा कि इस मामले में चर्चा की जा रही है। जल्द ही कोई रास्ता निकाल लिया जाएगा। बसों का संचालन प्रभावित नहीं होगा।