ग्रीन पटाखे के बारे में शायद ही कोई दुकानदार जानता हो। बाजार में चंद दुकानदार जो बैरागढ़ में दुकानें संचालित करते हैं उनके पास ही ग्रीन पटाखे हैं। जिले में लगाईं गईं 932 में से फुटकर और थोक बाजारों में से ज्यादातर पर ज्यादा एमआरपी के पटाखे ही रखे हैं। जिनमें चेतावनी तक नजर नहीं आती। प्रदूषण को लेकर एडवाइजरी का तो मतलब ही नहीं है। इनकी बिक्री भी मुंहमांगी दरों पर हो रही है।
नहीं हैं आग से निपटने के इंतजाम
जिला प्रशासन ने पटाखा कारोबारियों के साथ बैठक कर साफ निर्देश दिए थे कि दुकानों पर रेत और आग बुझाने के पर्याप्त इंतजाम होने चाहिए। लेकिन नर्मदापुरम रोड की अधिकतर दुकानों पर न तो रेत की बाल्टी हैंए न आग बुझाने के कोई इंतजाम। जबकि यहां प्ंद्रह सौ केजी तक के पटाखा कारोबारी हैं। इसके अलावा करोद जमुनिया छीर बैरसिया सनसिटी गार्डन के पीछे इसी श्रेणी के पटाखा कारोबारी हैं।
जिला प्रशासन ने पटाखा कारोबारियों के साथ बैठक कर साफ निर्देश दिए थे कि दुकानों पर रेत और आग बुझाने के पर्याप्त इंतजाम होने चाहिए। लेकिन नर्मदापुरम रोड की अधिकतर दुकानों पर न तो रेत की बाल्टी हैंए न आग बुझाने के कोई इंतजाम। जबकि यहां प्ंद्रह सौ केजी तक के पटाखा कारोबारी हैं। इसके अलावा करोद जमुनिया छीर बैरसिया सनसिटी गार्डन के पीछे इसी श्रेणी के पटाखा कारोबारी हैं।
इधर कलक्टर अविनाश लवानिया के अनुसार पटाखों के संबंध में जो दिशा निर्देश जारी किए गए हैं उनके अनुसार ही बिक्री हो इस संबंध में सभी एसडीएम को निर्देश दिए गए हैं। अगर कहीं आगजनी से निपटने के इंतजाम नहीं हैं तो वहां कराए जाएंगे। प्रतिबंधित पटाखों को लेकर भी गाइडलाइन है।