हालांकि अभी कोरोना के कारण ज्यादा जानें भी नहीं गई हैं और अधिकांश मरीजों को अस्पताल में भी भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी है. अभी 3964 एक्टिव मरीजों में से 3852 मरीज होम आइसोलेशन में हैं. महज 112 मरीजों को भर्ती करने की जरूरत पडी है. इनमें से भी 34 मरीज ऐसे हैं जिनके पास होम आइसोलेशन की सुविधा नहीं थी. इन मरीजों को कोविड केयर सेंटर में भर्ती किया गया है.
इधर, अब जांच की संख्या भी तेजी से बढ़ाई गई है। पिछले माह तक करीब 50 हजार सैंपल लिए जाते थे। इस माह से सैम्पल की संख्या 80 हजार कर दी गई है। हालांकि आरटीपीसीआर की संख्या दस हजार के आसपास है।
राज्य में बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण स्वास्थ्य विभाग पर दोहरा दबाव आ गया है. एक ओर जहां डाक्टर्स संक्रमित हो रहे हैं वहीं विभागीय कर्मचारियों को कई घंटों तक लगातार काम करना पड रहा है. इधर प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्यकर्मियों की छुट्टी पर रोक लगा दी गई है. इस संबंध में प्रदेश सरकार ने आदेश भी जारी कर दिए हैं. ग्वालियर में कुछ स्कूल कर्मी के साथ डॉक्टर्स भी संक्रमित पाए गए हैं.
जीआरएमसी में गुरुवार को 4078 लोगों की जांच में 570 कोरोना से संक्रमित मिले। इनमें मुरार जिला अस्पताल के डॉक्टर के साथ दो निजी डॉक्टर भी संक्रमित निकले हैं। साथ ही सिंधिया स्कूल फोर्ट पर शिक्षकों के साथ अन्य कर्मचारी मिलाकर 11 लोग संक्रमित हुए हैं। उज्जैन में एक वृद्धा की मौत हो गई है. वह पहले पॉजिटिव थी फिर निगेटिव हो गई थी. जानकारी के अनुसार माधवनगर अस्पताल में बुजुर्ग महिला कुछ दिन से भर्ती थी, जिसकी गुरुवार को मौत हो गई। इससे पहले निजी अस्पताल में एंटीजन टेस्ट में माधवनगर में आरटीपीसीआर टेस्ट में रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई थी। बताते हैं कि महिला को कोरोना का एक भी डोज नहीं लगा था।