भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के दिग्गज नेता बाबूलाल गौर एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उन्होंने कहा है कि पार्टी मौका देगी तो लोकसभा चुनाव में भोपाल से चुनाव लड़ना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि मैं दस बार विधानसभा चुनाव जीत चुका है, लेकिन एक बार दिल्ली देखना चाहता हूं।
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर का बयान ऐसे समय में आया है, जब पार्टी उम्मीदवारों के चयन पर मंथन कर रही है। गौर ने मीडिया से चर्चा में कहा कि भोपाल लोकसभा सीट के लिए स्थानीय व्यक्ति को ही टिकट देना चाहिए। गौर को उम्रदराज (89) होने के कारण टिकट नहीं दिया था। 2016 में उन्हें कैबिनेट से भी इसी कारण बाहर कर दिया गया था। गौर ने कहा कि मैं भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ूंगा। पार्टी ने 75 साल का क्राइटेरिया खत्म कर समझदारी की है।
पहले भी दिखा चुके हैं बागी तेवर
भाजपा नेता बाबूलाल गौर पहले भी कई बार अपने बागी तेवर दिखा चुके हैं। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में गोविंदपुरा सीट से दावेदारी कर चुके थे, लेकिन पार्टी आलाकमान ने टिकट नहीं दिया था। इसके बाद वे अपनी पुत्रवधु को टिकट दिलाने पर अड़ गए। हालांकि पार्टी ने उनकी पुत्र वधु कृष्णा गौर को टिकट दे दिया और वे गोविंदपुरा विधानसभा सीट से चुनाव जीत भी गईं।
दिग्विजय सिंह ने दिया था कांग्रेस का आफर
थोड़े दिन पहले ही बाबूलाल गौर और दिग्विजय की मुलाकात सुर्खियों में आ गई थी जिसमें कांग्रेस नेता दिग्विजय ने बाबूलाल गौर से मुलाकात की थी और कांग्रेस में शामिल होकर भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऑफर दिया था। इस पर राजनीति गर्माने के बाद गौर ने कहा था कि मुझे आफर दिया गया है, लेकिन मैंने कांग्रेस में शामिल होने से इनकार भी नहीं किया है।
उम्रदराज होने के कारण हो गए थे साइडलाइन
बाबूलाल गौर और सरताज सिंह जैसे दिग्गज नेता उम्र दराज होने के कारण पार्टी से साइडलाइन कर दिए गए थे। उसी के बाद से ही दोनों दिग्गज नेता पार्टी के खिलाफ बयान देने लगे थे। इसके बाद टिकट नहीं मिलने से खफा सरताज सिंह ने तो कांग्रेस का दामन थाम लिया और होशंगाबाद से चुनाव हार गए।
बुजुर्ग नेताओं को भी मिल सकता है टिकट
इधर, दिल्ली में हाल ही में हुए बैठक में यह तय किया गया कि 75 पार के नेताओं को भी टिकट दिया जा सकता है। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में मिली हार के कारण पार्टी अब अपने पुराने नेताओं को भी साथ रखने के मूड में है। क्योंकि कई नेताओं के बागी हो जाने का खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ रहा है। यही कारण है कि भाजपा असंतोष को बढ़ाना नहीं चाहती है।
यह भी हैं लाइन में
भाजपा के वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा ने भी कहा कि वे पार्टी के सामने टिकट के लिए याचना नहीं करेंगे। पार्टी को ठीक लगे तो टिकट दे। भोपाल मध्य से विधायक रह चुके ध्रुवनारायण सिंह ने भी टिकट की मांग की है। उनके समर्थक सोशल मीडिया पर अभियान भी चला रहे हैं। वर्तमान सांसद आलोक संजर है कि पार्टी का निर्णय सर्वोपरि होगा।