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भोपाल

बीजेपी में सब ठीक नहीं ! सांसदों की मंत्री-विधायक से चल रही तकरार

MP BJP: मध्यप्रदेश में बीते कुछ दिनों में एक के बाद एक तीन ऐसे घटनाक्रम हुए हैं जो बताते हैं कि भाजपा में सांसदों की मंत्री-विधायकों से तकरार चल रही है और कई जगह तो सीधे ठनी हुई है..।

भोपालSep 15, 2024 / 08:57 pm

Shailendra Sharma

MP BJP: मध्यप्रदेश भाजपा में सबकुछ ठीन चलता नजर नहीं आ रहा है। बीते कुछ दिनों में एक के बाद एक ऐसे तीन मामले सामने आ चुके हैं जो इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि भाजपा में ऑल इज वेल वाली कंडीशन नहीं है और भाजपा के ही सांसदों की मंत्री-विधायक या स्थानीय नेताओं से तनातनी चल रही है। तकरार की तस्वीर साफ है और वार-पलटवार भी खुलकर हो रहे हैं। ऐसे में अब देखना है कि अंदरूनी खानों से निकलकर सामने आ चुकी इस तकरार को भाजपा संगठन कितनी गंभीरता से लेता है और क्या नसीहत देता है।

जनार्दन मिश्रा v/s सिद्धार्थ तिवारी

पहला मामला रीवा का है। यहां सांसद जनार्दन मिश्रा और त्यौंथर से भाजपा विधायक सिद्धार्थ तिवारी आमने-सामने आ गए हैं। इनके बीच तकरार की शुरूआत उस वक्त हुई जब एक कार्यक्रम के दौरान सांसद जनार्दन मिश्रा ने कांग्रेस के स्व. नेता श्रीनिवास तिवारी को लेकर विवादित बात कह दी। जनार्दन मिश्रा ने कहा कि तिवारी ने लूट, गुंडागर्दी और भ्रष्टाचार की राजनीति की है। अगर आज शहर की सड़क में एक गड्ढ़ा होता है तो अखबार की सुर्खियां बन जाता है लेकिन कभी यहां की सड़कों पर गड्ढे ही गड्ढे हुआ करते थे। तब यहां के नेता श्रीनिवास तिवारी हुआ करते थे। वे यहां सर्वे-सर्वा माने जाते थे, उनके लिए एक विशेष नारा भी दिया जाता था कि दादा न आहीं दऊ आए। वोट न देहा तऊ आए। ये कैसे दऊ थे जो अपने कार्यकाल में शहर की सड़कों के गड्ढे तक नहीं भरवा पाए। स्व. श्रीनिवास तिवारी त्यौंथर विधायक सिद्धार्थ तिवारी के दादा थे लिहाजा उन्होंने सांसद के बयान पर आपत्ति जताई और कहा कि किसी दिवंगत नेता पर इस तरह की टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण है, जिस नेता ने अपना पूरा जीवन जनता की सेवा में न्यौछावर किया उसे किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। इसके बाद भी सांसद जनार्दन मिश्रा नहीं रूके और फिर बयान दिया कि पोता बीजेपी में मर्ज हुआ है बीजेपी पोते में मर्ज नहीं हुई है। जो सच है वो तो सुनना पड़ेगा, दादा ने लूट…पक्षपात और भ्रष्टाचार किया था..तो किया था।

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दर्शन सिंह v/s नरेन्द्र शिवाजी पटेल

दूसरा मामला नर्मदापुरम से सांसद दर्शन सिंह और मध्यप्रदेश सरकार के राज्यमंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल का है। बीते दिनों रायसेन जिले के देवरी में शिक्षक दिवस पर एक कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम में मंत्री नरेंद्र पटेल के साथ नर्मदापुरम सांसद दर्शन सिंह चौधरी को भी आमंत्रित किया गया था। आयोजन में दर्शन सिंह को ज्यादा सम्मान मिला, आमंत्रण पत्र पर भी सांसद का नाम ऊपर था, उनके नीचे मंत्री का नाम था। इससे मंत्री नरेन्द्र पटेल नाराज हो गए और उन्होंने निजी स्कूल की मान्यता खत्म करने का नोटिस डीईंओ के जरिए स्कूल संचालक को दिलवा दिया।
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वीरेन्द्र खटीक v/s मानवेन्द्र सिंह

तीसरा मामला छतरपुर का है जहां केन्द्रीय मंत्री वीरेन्द्र खटीक और भाजपा नेता मानवेन्द्र सिंह के तकरार चल रही है। मानवेन्द्र सिंह (भंवर राजा) ने मंत्री वीरेन्द्र खटीक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जिनका जवाब देते हुए मंत्री वीरेन्द्र खटीक ने मानवेंद्र सिंह और उनके पूरे खानदान को खुली चुनौती दी है कि उन पर लगाए गए आरोपों को सिद्ध करें। इतना ही नहीं वीरेन्द्र खटीक ने ये भी कहा है कि बर्रैया के छत्ते में हाथ डाला है तो अब तैयार रहें। बता दें कि मानवेंद्र सिंह वर्तमान में बीजेपी के नेता हैं और उनके बेटे कामाख्या प्रताप सिंह महाराजपुर विधानसभा से विधायक हैं।

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