केरल में दर्ज हुए थे मामले (What Is West Nile Fever)
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि मरीजों में जो लक्षण मिले हैं, वे वेस्ट नाइल वायरस से संक्रमित लोगों में देखने को मिलते हैं। जिसमें सिरदर्द, शरीर में दर्द, जोड़ों में दर्द, उल्टी, दस्त या दाने जैसे अन्य लक्षणों के साथ बुखार होता है। हाल ही में केरल में इस बीमारी के मामले दर्ज हुए हैं। जिसके बाद मध्यभारत से लेकर दक्षिण भारत में अलर्ट जारी किया गया था। चिंता की बात है कि संक्रमित 10 में से 8 लोगों में कोई लक्षण विकसित नहीं होता है। स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. हिमांशु जैसवार के अनुसार कुछ मरीजों में डेंगू व टाइफाइड के मामले मिले हैं, टीम भेजी गई है। मरीजों में ही डेंगू व टाइफाइड के मामले देखे गए हैं। विभाग ने एक टीम भेजी है। स्थिति कंट्रोल में है। फाइनल रिपोर्ट आने के बाद स्थिति साफ हो जाएगी।
क्या है वेस्ट नाइल फीवर (What Is West Nile Fever)
वेस्ट नाइल फीवर या वेस्ट नाइल वायरस के कोई स्पष्ट लक्षण नहीं हैं, लेकिन स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि इसके लक्षण डेंगू से मिलते जुलते हैं। लोगों को सलाह दी गई है कि वे अपने घर में और आसपास साफ-सफाई रखें और मच्छर न पनपने दें। यह एक वेक्टर जनित बीमारी है, इसलिए रुके हुए जल स्रोतों को साफ करना और मच्छरों के प्रजनन को रोकना अहम है। 80% मामलों में आमतौर पर कोई लक्षण नहीं होते हैं। वेस्ट नाइल वायरस मच्छर के काटने से मनुष्यों में फैलता है। मच्छरों में यह वायरस पक्षियों से आता है। मानव से मानव में संचरण दुर्लभ है।