मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन पार्टी के सचिव पीरजादा तौकीर निजामी पत्र के जरिए कहा है कि, ‘हमें हनुमान चालीसा के पाठ से ऐतराज नहीं है, लेकिन कांग्रेस द्वारा सभी धर्मों की धार्मिक मान्यताओं का भी ख्याल रखना चाहिए।’ निजामी ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह से मांग करते हुए कहा कि, राहुल गांधी ने पूरे देश में नफरत को खत्म करने के लिए अभी नई-नई ‘मोहब्बत की दुकान’ खोली है और मध्य प्रदेश की कांग्रेस हार्ड हिंदुत्व के एजेंडे पर चल रही है। सिर्फ एक धर्म विशेष के आयोजन ही पीसीसी में हो रहे हैं। कभी भगवा मय करते हैं, कभी देवी देवताओं की मूर्ति स्थापित की जाती है, कभी हनुमान चालीसा का पाठ होता है। उन्होंने कहा कि, आप बिल्कुल करें, इसमें कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन मुस्लिम समाज को वोट के नाम पर इमोशनल ब्लैकमेल करना बंद करें।
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‘…तो कुर्बानी और नमाज की अनुमति देनी चाहिए’
निजामी की ओर से लिखे गए पत्र में आगे ये भी कहा गया कि, कांग्रेस जब सेक्युलर होने की बात करती है और सभी धर्मों की पार्टी होने की बात करती है तो फिर दलित मुस्लिम और आदिवासी के जो त्योहार हैं उसमें भेदभाव क्यों करती है। वोट तो आपको इन संमाजों से सौ फीसदी चाहिए, लेकिन काम आप संघ और बीजेपी के इशारे पर ही कर रहे हैं। अगर वाकई आप सेकुलर हैं और राहुल गांधी की बात मानते हैं तो पीसीसी जो आपकी मोहब्बत की दुकान है, उसपर मुस्लिम समाज के इस त्योहार पर कुर्बानी करने और विशेष नमाज अदा करने की अनुमति भी दें।
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बीजेपी कांग्रेस में सियासत
वहीं, इस मामले पर अब मध्य प्रदेश की सियासत गरमाने लगी है। भाजपा नेता राकेश शर्मा ने इस मामले को लेकर दिग्विजय सिंह को एआईएमआईएम की मांग मानने और जाकिर नायक से संबंधों का हवाला देते हुए ईद मनाने की मांग की है तो वहीं कांग्रेस मीडिया सेल उपाध्यक्ष अब्बास हाफीज ने दोनों दलों को आड़े हाथ लेते हुए एआईएमआईएम को भाजपा की ही टीम का हिस्सा बताया है।