bell-icon-header
भोपाल

10 किलोमीटर दूर से ही 108 फीट की आदि शंकराचार्य की मूर्ति की भव्यता देने लगी दिखाई

मौसम के करवट बदलते हुए शंकराचार्य की मूर्ति से हटाया गया स्ट्रक्चर

भोपालSep 19, 2023 / 09:12 pm

hitesh sharma

adi shankaracharya statue

भोपाल। ओंकारेश्वर में मौसम साफ होते ही मंगलवार को शंकराचार्य की प्रतिमा के आसपास स्ट्रक्चर हटते ही मूर्ति की भव्यता दिखाई देने लगी है। इसे मूर्ति को करीब दस किलोमीटर की दूरी से देखा जा सकेगा। यहां आने वाले पर्यटक इस मूर्ति के दर्शन ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग से कर रहे हैं। बुधवार सुबह तक पूरा स्ट्रक्चर हटा लिया जाएगा। आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का मुख ज्योतिर्लिंग और मां नर्मदा की ओर होगा। मूर्ति के चारों ओर हरियाली और पीछे की ओर नर्मदा की कल-कल बहती धारा यहां आने वाले पर्यटकों का मन मोह लेगी।
आदि शंकराचार्य की रीवा स्थित पचमठा, केदरानाथ, ओंकारेश्वर, श्रीनगर आदि स्थानों पर प्रतिमाएं विराजमान हैं। केदारनाथ की करीब 12 फीट की प्रतिमा का अनावरण पीएम नरेन्द्र मोदी ने किया था। ओंकारेश्वर में ज्योतिर्लिंग के पास स्थित गुफा में प्रतिमा की पूजा की जाती है। चारों मठ या दक्षिण के किसी मंदिर में भी आदि शंकराचार्य इस तरह की भव्य मूर्ति स्थापित नहीं है।

https://www.dailymotion.com/embed/video/x8o5prp

सुबह-10.30 बजे से शुरू होगा समारोह
मूर्ति का अनावरण समारोह सुबह-10.30 बजे से शुरू हो जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान देशभर के प्रमुख साधू-संतों के साथ आएंगे। सभी का स्वागत केरल की पारंपरिक पद्धति से होगा। सुबह-11.10 बजे से वैदिक यज्ञ अनुष्ठान में आहुति देंगे। इसके बाद सुबह-11.35 शैव परंपरा के नृत्यों प्रस्तुति शुरू होगी। दोपहर-12 बजे सीएम व संत एकात्मता मूर्ति का अनावरण तथा अद्वैत लोक का भूमि एवं शिला पूजा करेंगे। दोपहर-12.15 बजे से 101 बटुक वेदोच्चार एवं शंखनाद करेंगे। समारोह में आशुतोष गोवारिकर, सुनीता गोवारिकर, नीरज जोशी, अर्पण गगलानी, निशित भारद्वाज, आदित्य फतेपुरिया, आशीष कुलकर्णी जैसी हस्तियां भी शामिल होंगी।

शास्त्रानुसार 11 त्रिपुंड लगाए जाते हैं
ज्योतिर्मठ अनावन्त भानपुर पीठ के शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ के अनुसार शास्त्रानुसार शरीर पर 11 त्रिपुंड लगाए जाते हैं। ये सीधी लकीरें होती हैं, जो पूरे मस्त पर फैली होती हैं। दोनों हाथों पर तीन-तीन, गले, ह्दय और पीठ पर त्रिपुंड लगाया जाता है। वैष्णव परंपरा में यह उर्ध्व होता है। कुछ अन्य संत परंपरा में मध्य भाग श्री लगाते हैं।

Hindi News / Bhopal / 10 किलोमीटर दूर से ही 108 फीट की आदि शंकराचार्य की मूर्ति की भव्यता देने लगी दिखाई

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.