एसीपी की अध्यक्षता में बनी SIT टीम
मामले में सीएम ने पुलिस कमिश्नर को एसआइटी गठित के निर्देश दिए। मिसरोद एसीपी रजनीश कश्यप की अध्यक्षता में एसआइटी बनाई है। टीआई मिसरोद और मिसरोद एसआई श्वेता शर्मा को सदस्य बनाया। दोपहर बाद एसआइटी ने सीसीटीवी फुटेज लिए। राष्ट्रीय बाल आयोग ने पुलिस को नोटिस जारी कर उठाए कदमों की जानकारी मांगी है। डीसीपी जोन2 श्रद्धा तिवारी ने कहा, एसआई राजपूत अभी अरेरा हिल्स थाने में पदस्थ है, अगर जांच में आरोप सही मिले तो विधिवत कार्रवाई करेंगे।
24 को रेप, 29 को बच्ची ने बताया, 30 को एफआइआर
मिसरोद टीआइ को दिए आवेदन में बच्ची की मां ने बताया कि 15 दिन पहले हॉस्टल में एडमिशन कराया। 28 अप्रेल को बेटी वीडियो कॉल पर रोकर कुछ कहना चाहती थी, पर वार्डन ने कॉल काट दिया। 29 अप्रेल को बच्ची से मिलीं तो उसने बताया कि 5 दिन पहले खाने में कुछ मिलाकर खिलाया। रात में होश आया तो वह कमरे में बिस्तर पर नहीं थी। एक मोटे से दाढ़ी वाले अंकल उसके साथ गलत काम कर रहे थे। पास खड़े अंकल बोल रहे थे कि मोदी सर, बच्ची को होश आ गया। इसके बाद आंख पर हाथ रख दिया। पेट में दर्द हो रहा था, प्राइवेट पार्ट से ब्लड आ रहा था। बच्ची बेहोश हो गई।
सुबह होश आया तो पलंग पर सो रही थी। उसने वार्डन से कहा कि पेट में दर्द हो रहा है। उन्होंने बच्ची को नहलाया और दवा देकर चुप कर दिया। मामले में 30 अप्रेल की रात मिसरोद थाने में एफआइआर दर्ज हुई।
बेटी के दर्द पर गरमाई सियासत जीतू पटवारी बोले चुल्लू भर पानी में डूब मरे सरकार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी कहा,सिर्फ पीडि़त परिवार से मिलने पर सरकार ने एफआइआर करवा दी। भोपाल में 8 साल की बेटी से रेप हुआ। अत्याचार हुआ उससे मिलने भी नहीं देंगे। ये अहंकार की पराकाष्ठा है। मोहन यादव अपनी सरकार को लेकर चुल्लू भर पानी में डूब मरो। आप गृहमंत्री भी हो.. इतने अत्याचार होते हैं तो आप मुस्कुरा कर कैसे भाषण देते हो।
ओबीसी सीएम को पचा नहीं पा रहे
कांग्रेसी सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ओबीसी सीएम को पचा नहीं पा रहे। वे हल्की भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। जो प्रत्याशी को बचा नहीं पाए, वो दूसरों पर कीचड़ उछाल रहे हैं। उममीद करता हूं कि इससे बाज आएंगे। कांग्रेसी खुद को कानून से ऊपर मानते हैं। निर्वाचन के दौर में मर्यादा में रहना चाहिए। जो मर्यादा तोड़ेगा, वो इसकी कीमत चुकाएगा। पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल
- एफआइआर में आरोपियों के नाम दर्ज नहीं, अज्ञात के नाम रिपोर्ट।
- पीड़िता की मां पर दबाव बनाने जेपी हॉस्पिटल भी पहुंचा एसआइ।
- राष्ट्रीय बाल आयोग की टीम को आधे घंटे गेट के बाहर खड़े रखा।
- घटना का संदेही और स्कूल डायरेक्टर पुलिस की निष्क्रियता से फरार।
बेटी से दरिंदगी हुई और पुलिसकर्मी ने मामला दबाने को सौदेबाजी की। शिकायत दर्ज करने में 24 घंटे से ज्यादा लगा दिया। स्कूल संचालिका मेरे ही चरित्र पर पर सवाल खड़े कर रही हैं। मेरी निजी जिंदगी में कुछ भी रहा हो, इसका मतलब यह नहीं है कि सुनवाई तक न हो।
-पीड़िता की मां