ऐसे समझें सात किमी में कैसे छह ब्रिज
-एंप्री तिराहा से आनंद नगर बाइपास तक करीब छह किमी लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर तय किया है। इसके रूट और ट्रैफिक को लेकर सर्वे हो चुका है। नेशनल हाइवे इसे बनाएगा। करीब 322 करोड़ रुपए इसके लिए शुरुआती मंजूरी मिली है। ये प्रोजेक्ट पूरा होता है तो अभी नौ की दूरी छह किमी में पूरी हो जाएगी। इस कॉरिडोर से ये समय बमुश्किल 10 से 12 मिनट में सिमट जाएगा। – एंप्री पर ही वीर सावरकर रेलवे ओवरब्रिज है जो अरेरा कॉलोनी से नर्मदापुरम रोड की आवाजाही सुगम बना रहा है। – इससे थोड़ी ही आगे बीयू से मिसरोद तक साढ़े पांच किमी लंबी एलिवेटेड लेन बनेगी। इसके लिए अगले माह तक एजेंसी तय करने के निर्देश हुए हैं। 385 करोड़ रुपए के बजट वाले इस प्रोजेक्ट का जमीनी काम नए साल की पहली तिमाही में शुरू हो सकता है।
– बावड़िया स्थित सेज अपोलो हॉस्पिटल से आशिमा तक रेलवे ओवरब्रिज तय है। 140 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट की अड़चने शासन से भी साफ कर दी है। इसका भूमिपूजन काफी पहले ही हो चुका है। इसका जमीनी काम भी नए साल में शुरू हो जाएगा।
– कोलार को सलैया के रास्ते मिसरोद से जोडऩे नया ब्रिज पीडब्ल्यूडी ने प्रस्तावित किया हुआ है। ये बिल्कुल मिसरोद गांव को पार कर नर्मदापुरम रोड थाने के पास ही निकलेगा।
नर्मदापुरम रोड पर एक दूसरे को क्रॉस करेंगे ब्रिज
आशिमा मॉल से मिसरोद तक साढ़े पांच किमी का एलिवेटेड कॉरिडोर पर तीन से चार टियर ब्रिज प्रस्तावित है। अभी सेज से आशिमा ब्रिज को आशिमा तक बढ़ाने पर निर्णय लिया जा रहा है, जिससे ये एलीवेटेड को क्रॉस करेगा। इसपर से ही मेट्रो की मंडीदीप वाली लाइन भी निकलेगी। एंप्री से आनंद बाइपास तक एलिवेटेड लेन भी मौजूदा ब्रिज को कनेक्ट व क्रॉस करने की स्थिति बनाएगी। इसकी डिजाइन तय की जा रही है।
नर्मदापुरम रोड शहर का सबसे तेज विकसित क्षेत्र
नर्मदापुरम रोड शहर का नया सबसे तेज विकसित क्षेत्र है। कनेक्टिविटी बेहतर की जा रही है। अलग-अलग एजेंसियों के प्रोजेक्ट है। बड़ा क्षेत्र होने से कनेक्टिविटी का लाभ का विस्तार भी बड़ा होगा।