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भोपाल

खुद की बिजली से दमकेंगे एमपी के छह बड़े शहर, 12 मेगावाट तक की क्षमता के लगेंगे पावर प्लांट

MP big cities electricity शहरों में पावर प्लांट स्थापित करने की तैयारी की जा रही है

भोपालSep 27, 2024 / 09:07 pm

deepak deewan

6 big cities of Madhya Pradesh will shine with their own electricity

मध्यप्रदेश के आधा दर्जन बड़े शहर अब खुद की बिजली से दमकेंगे। इन शहरों में पावर प्लांट लगाए जाएंगे। यहां 6 से 12 मेगावाट तक बिजली तैयार होगी। शहरों में पावर प्लांट स्थापित करने की तैयारी की जा रही है, इसके लिए डीपीआर बन रही है। खास बात यह है कि इन पावर प्लांटों में प्लास्टिक वेस्ट से बिजली बनाई जाएगी। सभी शहरों में 50 माइक्रोन या उससे कम की पालीथिन और सूखे कचरे से बिजली तैयार होगी।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, रतलाम और सागर में प्लास्टिक वेस्ट और अन्य कचरे से बिजली उत्पादन की योजना बनाई गई है। इसके लिए यहां पावर प्लांट स्थापित किए जाएंगे। सभी छह शहरों में रोज 6 से 12 मेगावाट बिजली बनाई जाएगी।
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प्रदेश के जबलपुर और रीवा में पहले से कचरे से बिजली बनाने का काम चल रहा है। जबलपुर में सूखे कचरे से 11 मेगावाट और रीवा में 6 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। जबलपुर नगर निगम बिजली बनाने के लिए महाराष्ट्र और गुजरात से कचरा ले रहा है जबकि रीवा ने यूपी के प्रयागराज से कचरा लेने का करार किया है।
बता दें कि राज्य के 408 नगरीय निकायों से लाखों टन सूखा कचरा निकलता है। प्रदेश के ज्यादातर निकाय 50 माइक्रान की पालीथिन सीमेंट उद्योगों को दे रहे हैं। इससे अधिक माइक्रान की प्लास्टिक कचरे को उद्योगों को री-यूज के लिए बेचा जा रहा है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार प्रदेश में हर साल 1,38,483 टन प्लास्टिक वेस्ट निकलता है। इनमें इंदौर में 60 हजार टन और भोपाल में 25 हजार 288 टन वेस्ट निकलता है।

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