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भोपाल

गांधीनगर में 50 हजार की आबादी मूलभूत सुविधा से वंचित

संतनगर, भोपाल. जहां से नगर निगम के वार्डों की गिनती शुरू होती है, वही वार्ड सबसे अधिक समस्याओं से घिरा है। न सीवेज सिस्टम है, न ठीक ठाक सडक़ें, न स्ट्रीट लाइट। किसी कस्बे की सूरत है गांधीनगर वार्ड की।

भोपालJan 05, 2024 / 08:27 pm

चन्द्र प्रकाश भारती

गांधीनगर में 50 हजार की आबादी मूलभूत सुविधा से वंचित

गांधीनगर क्षेत्र की बसाहट हुए 70 साल बीत गए है पर आज भी यह क्षेत्र विकास को तरस रहा है। वार्ड की 50 हजार की आबादी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रही है। बदहाली के बीच लोग जीने को मजबूर हैं। गंदगी, नाले नालियों की सफाई न होना, बंद स्ट्रीट लाइटें, घूमते स्ट्रीट डाग यहां की पहचान है। गंदगी से उठती बदबू में लोगों का सांस लेना मुश्किल हो रहा है। बीमारियों का अंदेशा हमेशा बना रहता है। सडक़ें बदहाल हैं, जिन सडक़ों का डामरीकरण हुआ है, वह अतिक्रमण से घिरी हुई हैं। बाजार वाले इलाकों में दुकानदारों के कब्जे यातायात को बाधित करने वाले हैं।
-बदलहाल सडक़ें
गांधीनगर क्षेत्र में कई ऐसी प्रमुख सडक़ें है जो सालों से नहीं बन पाई है यहां की सडक़ों की पहचान जर्जर व गड्ढ़ों के लिए की जा रही है। सडक़ों की बदहाली के चलते दो पहिया वाहन चालक अनियंत्रित होकर दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। बस स्टैण्ड के पास वाली सडक़, धाकड़ चौराहे से राधाकृष्ण मंदिर, तक वाली सडक़, गुरुद्वारे से शमशान घाट की और जाने वाली सडक़, गुरुद्वारे से शमशान घाट की और जाने वाली सडक़, गोदरमऊ शिवाजी वार्ड सहित आस पास की सडक़े जर्जर व गड्ढों में तब्दील हो गई है।
सुविधा की बात बेमतलब
गांधीनगर के रहवासी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। निगम की जो भी जिम्मेदारी है, वह पूरी नहीं हो रही है। सात दशक पुराना सीवेज सिस्टम सबसे बड़ी समस्या है। नालिया खत्म हो चुकी है। समस्याओं को उठा गया है, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है।
रमेश हिंगोरानी, समाजसेवी
कमिश्नर से चर्चा करूंगा
वार्ड की समस्याएं अफसरों को बता दी गई हैं। सडक़, बिजली, साफ-सफाई की जो भी समस्याएं हैं, निराकरण के लिए कमिश्नर से चर्चा करूंगा। नए सीवेज ड्रेनेज सिस्टम की जरूरत है, इसकी मांग भी रखूंगा।
लक्ष्मण सिंह राजपूत, पार्षद वार्ड एक

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