सलॉट बुक करने के बाद 57 हजार 967 लोग खुराक के इंतजार में हैं, लेकिन इसमें सबसे ज्यादा 35 हजार संख्या युवा हैं। 22 हजार 967 लोगों में अधिकतर 45 वर्ष से ऊपर के हैं और पहली खुराक के आवेदक हैं। अगर मौके पर ही पंजीकरण कर स्लॉट बुकिंग के साथ शर्तें हटा दें, तो काफी राहत मिल सकती है। लोगों को पहली खुराक मिल सकती है, वेटिंग भी खत्म हो जाएगी।
अब तक राजधानी भोपाल में 8 लाख 22 हजार 365 लोगों ने वैक्सीन के लिए पंजीकरण कराया है। इसमें से 7 लाख 64 हजार 398 लोग खुराक ले चुके हैं, शेष 57 हजार 967 लोग अभी इंतजार में हैं। ये लोग रोजना कोविन ऐप पर स्लॉट खुलने के इंतजार में कम्प्यूटर के सामने बैठे रहते हैं। इसके बाद भी काफी लोगों को सस््लॉट नहीं मिल पाते, क्योंकि सलॉट खुलते ही चंद मिनटों में ही स्लॉट भर जाते हैं। ऐसे में जिस रफ्तार से टीकाकरण होना चाहिए, वह गति नहीं पकड़ पा रहा है, वहीं सालभर में पूरा टीकाकरण हो जाने पर संदेह है।
टीकाकरण सुस्त
जिस तेजी से लोग कोविन ऐप और आरोग्य सेतु ऐप पर पंजीकरण कर रहे हैं, उतनी रफ्तार से टीके नहीं लग रहे। काफी समय से कोवैक्सीन का टीका ही नहीं लगा है। कोविशील्ड की डोज लगाई जा रही। सूत्रों का कहना है कि केंद्र से सिर्फ कोविशील्ड की डोज ही मिल रही है। कोवैक्सीन और कोविशील्ड की डोज आते ही टीकाकरण और बढ़ाया जाएगा।
खुराक का इंतजार
दानिश कुंज निवासी महेश प्रजापति बताते हैं कि बहुत पहले से कोशिश कर रहे हैं लेकिन सलॉट बुक नहीं हो रहा है। यही हाल सागर रॉयल निवासी कुलदीप का है। उसे पता चल जाता है कि स्लॉट खुल चुके हैं, लेकिन जैसे ही युकिंग के लिए जाते हैं, यलो दिखाई देता है। ऐप में मांगी गई जानकारी पूरी करते-करते समय खत्म हो जाता है।
एक दिन पहले बदले हैं नियम
कोविड-19 टीकाकरण के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संचालक की तरफ से नए निर्देश जारी किए गए हैं। जिसमें 18 से 44 आयु वर्ग के लिए भोपाल क्षेत्रों में 100 प्रतिशत टीकाकरण ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के आधार पर किए जाएंगे। स्लॉट बुकिंग के बाद भी नहीं पहुंचने पर केंद्र पर बची वैक्सीन का उपयोग शाम 4 बजे के बाद ऑनसाइट बुकिंग के आधार पर किया जा सकता है।