भोपाल। मध्यप्रदेश के 30 हजार से अधिक चयनित शिक्षकों को अब तक नियुक्ति नहीं मिल पाई है। वे तीन वर्ष से नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। जबकि डाक्यूमेंट वेरिफिकेशन हो गया है, स्कूल खुलने लगे हैं, लेकिन शिक्षकों को ज्वाइनिंग नहीं दी जा रही है। बीजेपी मुख्यालय पर धरने पर बैठे इन शिक्षकों ने जमकर नारेबाजी की, महिलाएं अपने साथ राखी लेकर आईं हैं, साथ ही उन्होंने उठक-बैठक लगाकर भी सरकार का ध्यान आकर्षित किया है।
अपनी नियुक्ति की मांग को लेकर प्रदेशभर के साढ़े तीन हजार से अधिक चयनित शिक्षक बुधवार को राजधानी पहुंचे। भाजपा मुख्यालय पर बड़ी संख्या में पीली साढ़ी पहने आईं शिक्षिकाएं जल्द नियुक्ति की मांग को लेकर मामा मेरे राखी के बंधन को निभाने की मांग कर रही है। महिलाएं अपने साथ राखी भी लाई हैं। इन शिक्षिकाओं का कहना है कि हम लोग जहां पहले नौकरी करते थे, वहां से नौकरी छूट गई है। लेकिन, सरकारी नौकरी में चयन के बावजूद शिवराज सरकार हमें नियुक्ति नहीं दे रही है। ऐसे में हजारो चयनित शिक्षको के सामने रोजी रोटी का संकट आ गया है। कई लोग खेतों में मजदूरी तक करने को मजबूर हैं। इस बार ठोस आश्वासन लेकर ही हम जाएंगे। इससे पहले भी कई बार प्रदर्शन किया, लेकिन किसी ने भी कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया।
गुरुपूर्णिमा पर रोते हुए बोले शिक्षक- सीएम साहब, अब तो दे दो नियुक्ति
महिला शिक्षिकाओं का कहना है कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री जिन्हें सभी मामा कहते हैं, अब उनसे कोई ठोस आश्वासन के बाद ही उठेंगे। महिलाओं का कहना है कि हम उन्हे राखी बांधेंगे और उपहार में ज्वाइनिंग की मांग करेंगे। इस दौरान महिलाओं ने राखी के बंधन के गाने भी गाए। महिलाओं ने उठक-बैठक लगाकर अपना ध्यान आकर्षित किया। उनका कहना है कि हम शिक्षक सरकार के सामने उठक-बैठक लगा रहे हैं अपनी नियुक्ति की भीख मांग रहे हैं, लेकिन सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। इस धरना-प्रदर्शन में प्रदेशभर के करीब साढ़े तीन हजार से अधिक चयनित शिक्षक शामिल हुए हैं।
इससे पहले भी हुआ प्रदर्शन
22 जनवरी को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से चयनित शिक्षक संघ ने मुलाकात कर अपनी समस्या बताई। इसके बाद कमलनाथ ने भी शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर जल्द नियुक्ति देने की मांग की। लेकिन, सरकार की तरफ से कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया गया। 5 फरवरी को भी चयनित शिक्षकों का बड़ा आंदोलन किया। इसमें सभी जिलों में शिक्षकों ने अपने-अपने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर जल्द ज्वाइनिंग की मांग की। लेकिन, किसी ने भी कोई ठोस जवाब नहीं दिया।
इसके बाद गुरुपूर्णिमा के दिन भी हजारों शिक्षक भोपाल पहुचे और सड़क पर धरने पर बैठ गए। उस समय भी उन्हें भाजपा कार्यालय के कुछ कर्मचारियों ने आश्वासन देकर चलता कर दिया था।