जलभराव को दूर करने दोनों राज्यों को बढ़ाने होंगे हाथ
भिवाड़ी. जुलाई 2023 में धारूहेड़ा बॉर्डर पर रैंप बनाकर हरियाणा ने भिवाड़ी के प्राकृतिक बहाव को रोक दिया। तभी से दोनों राज्यों की सीमाओं पर जलभराव है। मिट्टी गिट्टी डालकर पानी को रोका जा रह है। इस समस्या के समाधान के लिए 12 मार्च को खैरथल-तिजारा एवं रेवाड़ी के अधिकारी एक साथ बैठे। बैठक में भिवाड़ी की तरफ से किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताया गया। जो प्रोजेक्ट चल रहे हैं एवं प्रस्तावित हैं उनकी रूपरेखा रेवाड़ी के अधिकारियों के सामने रखी गई। बैठक में रेवाड़ी के अधिकारी भिवाड़ी के सभी प्रोजेक्ट को समझकर चले गए लेकिन अपनी तरफ से किसी प्रोजेक्ट और योजना के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं दी है। प्राकृतिक पानी के बहाव की समस्या को दोनों राज्य मिलकर ही दूर कर सकते हैं क्योंकि हरियाणा के क्षेत्र का पानी भी भिवाड़ी में आता है। इस तरह सिर्फ बैठक करने से हल नहीं निकलेगा, दोनों राज्यों के अधिकारियों को निस्तारण के लिए बराबर काम करना होगा। दोनों राज्यों के बीच टकराव के बाद परेशानी जनता झेल रही है। —- इन क्षेत्र का पानी भिवाड़ी में आता है भिवाड़ी का प्राकृतिक बहाव हरियाणा की तरफ है। हरियाणा के भी कई गांव और दर्जनों कॉलोनियों का पानी भी बहकर पहले भिवाड़ी आता है, इसके बाद हरियाणा में जाता है। इस पानी की मात्रा भी कई एमएलडी है। हरियाणा के गांव और कॉलोनियों के पानी का भिवाड़ी में आकर मिल जाने से सारा पानी उद्योग क्षेत्र का घोषित कर दिया जाता है। हरियाणा के महेश्वरी, आकेड़ा, रंगाला, अशोक विहार, करण कुंज, नारायण विहार, कौशिक एंकलेव, गोयल कॉलोनी, विजय नगर, हनुमान नगर का पानी भिवाड़ी में आता है। बीते दिनों बारिश के बाद भी इन क्षेत्र का पानी भिवाड़ी में घुसा जिसकी वजह से कई जगह स्थिति खराब हुई। —- नहीं थी कार्ययोजना हरियाणा के जिन क्षेत्र से पानी आता है रेवाड़ी के अधिकारियों के पास उसके भी निस्तारण के इंतजाम नहीं है। 12 मार्च को बैठक में आए अधिकारियों ने इस संबंध में कोई कार्ययोजना नहीं बताई। बैठक में चर्चा हुए मुद्दों की उन्हें लिखित कॉपी भेजी गई है लेकिन उधर से इस बारे में अभी तक कोई जबाव नहीं दिया गया है। —- जल निस्तारण के ये प्रोजेक्ट भिवाड़ी में औद्योगिक, घरेलू एवं बारिश के बाद होने वाले जलभराव निस्तारण के लिए कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं। औद्योगिक इकाइयों के प्रदूषित पानी को शोधित करने सीईटीपी ने काम करना शुरू कर दिया है। संपूर्ण नगर परिषद क्षेत्र में घरेलू पानी को सीवरेज के माध्यम से लिया जाएगा, इसके लिए अमृत चरण दो योजना शुरू हो चुकी है। बारिश के बाद होने वाले जलभराव के निस्तारण के लिए सौ करोड़ का बजट प्रस्तावित, इसकी डीपीआर अंतिम चरण में है, इसके तहत पानी को पंप कर दूरस्थ क्षेत्र में सिंचाई के लिए ले जाने की तैयारी है। —- रेवाड़ी के अधिकारियों के साथ जो बैठक हुई थी, उसमें उनके क्षेत्र से आने वाले पानी को रोकने की मांग भी रखी गई थी। इस संबंध में उनकी तरफ से कोई प्रगति रिपोर्ट नहीं आई है। सलोनी खेमका, सीईओ, बीडा