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भिंड

जिला अस्पताल से नर्सिंग होम में लाई महिला की मौत, पुलिस पहुंची

प्रसव वेदना पर जिला अस्पताल में 23 नवंबर को दोपहर करीब दो बजे भर्ती कराई गई गई महिला को एक आशा कार्यकर्ता शनिवार को जिला अस्पताल के सामने संचालित जेएएम नर्सिंग होम में लेकर आई। यहां महिला की डिलीवरी से पहले ही मौत हो गई, परिजनों का आरोप है कि चिकित्सकों ने लापरवाही की है, जबकि सर्जन का कहना है कि महिला की प्रसव से पहले ही हृदयाघात से मौत हो गई।

भिंडNov 26, 2023 / 12:12 pm

Ravindra Kushwah

अस्पताल संचालक से पूछताछ करती पुलिस।

भिण्ड. परिजनों को अस्पताल प्रबंधन की बातों पर यकीन नहीं हुआ तो उन्होंने न केवल शहर कोतवाली पुलिस को मौके पर बुला लिया। तहसीलदार भी मौके पर पहुंचे और परिजनों के बयान दर्ज किए। पुलिस ने अस्पताल संचालक राज श्रीवास्तव, सर्जन पूर्व सीएस डॉ. एसएल शर्मा से पूछताछ की। मृतका की सास मीरा गोयल ने बताया कि उसकी बहू 20 वर्षीय रीना पत्नी पत्नी राहुल गोयल को प्रसव वेदना पर 23 नवंबर को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसी बीच शनिवार को सुबह एक आशा कार्यकर्ता पहुंची और उसे निजी अस्पताल में सुरक्षित प्रसव का झांसा देकर जेएएम नर्सिंग होम में ले आई। करीब नौ बजे महिला को नर्सिंग होम में लाया गया और दोपहर में 12 बजे ऑपरेशन की तैयारी के दौरान मौत हो गई। इसके बाद भी आशा कार्यकर्ता उनसे यह कहती रही कि बेटा होने पर अस्पताल के स्टॉफ को 500 रुपए दे देना, जबकि महिला की मौत हो चुकी थी। परिजनों ने एक-दो बार अंदर जाने का प्रयास किया तो उसे जाने नहीं दिया।
संचालक व चिकित्सक के परस्पर विरोधी बयान
जेएएम नर्सिंग होम में ऑन कॉल ऑपरेशन करने आने वाले पूर्व सीएस डॉ. एसएल शर्मा ने बताया कि उन्हों ेन करीब 11.30 बजे से महिला को टेबल पर लिटाया तो उसकी तबीयत खराब होने लगी। उसे जीवन रक्षक सभी दवाएं और उपचार दिए गए, लेकिन हृदयाघात की वजह से उसकी मौत हो गई। जबकि संचालक राज श्रीवास्तव का कहना है कि वे तो मौके पर न होकर ग्वालियर थे, शाम को ही आए हैं। लेकिन हमारी जानकारी के अनुसार महिला ने भर्ती होने और उपचार होने से पहले ही दम तोड़ दिया था।
महिलाओं को लाने वाले गिरोह पर उदासीन प्रबंधन
जिला अस्पताल प्रबंधन प्रसव के आने वाली महिलाओं को प्राइवेट नर्सिंग होम ले जाने वाली महिलाओं के गिरोह पर नियंत्रण नहीं कर पा रहा है। आधा दर्जन से अधिक महिलाओं का गिरोह अस्पताल मेें घूमता रहता है। कभी सीसीटीवी फुटेज के आधार पर इसे जांचने का प्रयास नहीं किया गया। हालांकि अस्पताल प्रबंधन इसे गलत मानता है, लेकिन कारर्रवाई के नाम पर टालमटोल करता है।
कथन-
इस तरह महिलाओं को जिला अस्पताल से ले जाना तो गलत है, लेकिन आशा कार्यकर्ता हमारे अधीन नहीं आतीं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के अधीन आती हैं, वहीं से कुछ कदम उठाए जा सकते हैं।
डॉ. अनिल गोयल, सीएस, जिला असपताल, भिण्ड।
-आशा कार्यकर्ताओं के इस तरह महिलाओं को गुमराह कर ले जाने की कई शिकायतें आई हैं, लेकिन परिजन बाद में पहचानने से इनकार कर देते हैं। जिला अस्पताल से महिलाओं को ले जाने के मामले में सीएस को सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच करानी चाहिए, वे प्रमाण दें, हम कार्रवाई कर देंगे।
डॉ. शिवराम सिंह कुशवाह, सीएमएचओ, भिण्ड।
महिलाओं को लाने वाले गिरोह पर उदासीन प्रबंधन
जिला अस्पताल प्रबंधन प्रसव के आने वाली महिलाओं को प्राइवेट नर्सिंग होम ले जाने वाली महिलाओं के गिरोह पर नियंत्रण नहीं कर पा रहा है। आधा दर्जन से अधिक महिलाओं का गिरोह अस्पताल मेें घूमता रहता है। कभी सीसीटीवी फुटेज के आधार पर इसे जांचने का प्रयास नहीं किया गया। हालांकि अस्पताल प्रबंधन इसे गलत मानता है, लेकिन कारर्रवाई के नाम पर टालमटोल करता है।

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