जानकारी के अनुसार शहर से 6 किमी दूर आरणी गांव में सोमवार रात करीब 8 बजे लड़ते हुए दो सांड रामेश्वर सैनी के खेत में बने बिना मुंडेर के कुएं में गिर गए। इस पर ग्रामीणों ने जेसीबी को बुलाकर सांडों को बचाने का प्रयास शुरू किया। सांडों को बचाने के लिए गांव के पांच लोग कुएं में उतरे। लेकिन, कुएं के अंदर जहरीली गैस रिसाव के कारण दम घुटने से तीन लोगों की मौत हो गई। हालांकि, दो युवकों को काफी मशक्कत के बाद सुरक्षित बचा लिया। वहीं, कुएं में जहरीली गैस के कारण दोनों सांडों की भी मौत हो गई।
यूं चला पूरा घटनाक्रम
जानकारी के अनुसार, देर रात दो सांड लड़ते हुए बिना मुंडेर के कुएं में जा गिरे। ग्रामीणों ने एक सांड को जेसीबी की मदद से निकाल लिया। दूसरे सांड को बचाने सुखदेव कुएं में उतरा। कुएं में गैस से सुखदेव बेहोश हो गया। उसे बचाने कुएं में धनराज उतरा। सुखदेव को कमर में रस्सी बांध निकाला। इस दौरान धनराज भी अचेत होकर कुएं में जा गिरा। उसे गिरते देख शंकर कुएं में उतर गया, लेकिन अचेत हो गया। अपने भाई को बचाने कमलेश कुएं में उतर गया। अंत में बालकृष्ण रस्सा बांध कुएं में उतरा ही था कि बेहोश होकर लटक गया। ग्रामीणों ने तत्काल बालकृष्ण को निकाल लिया।
दो भाइयों सहित तीन लोगों की मौत
हादसे में पुरानी आरणी के शंकरलाल माली (30), उसका भाई कमलेश माली (19) व धनराज माली (26) की मौत हो गई। इनके शव शाहपुरा मोर्चरी में रखवाए। मंगलवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद तीनों के शव परिजनों को सौंप दिए है। वहीं, सुखदेव गाडरी, बालकिशन माली, रामकिशन माली, बाबूलाल माली व कैलाश माली घायल हो गए। पांच में से चार घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई जबकि रामकिशन अस्पताल में भर्ती है। कलेक्टर के साथ तमाम अधिकारी मौके पर रहे मौजूद
सूचना पर कलक्टर राजेंद्र सिंह शेखावत, एसपी राजेश कांवत, एसडीएम निरमा बिश्नोई, आपदा प्रबंधन टीम व थाना प्रभारी महावीर शर्मा मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने घटना की जानकारी ली। ग्रामीणों ने बल्ली की मदद से धनराज, शंकर व कमलेश को निकाला, लेकिन ये तीनों दम तोड़ चुके थे। इनके शव शाहपुरा मोर्चरी में रखवाए। ग्रामीणों ने बताया कि इस बिना मुंडेर के कुएं का पानी कभी नहीं निकालने से इसमें जहरीली गैस बन गई है। इस कारण यह हादसा हुआ।
एसडीआरएफ टीम के पहुंचने से पहले रेस्क्यू खत्म
सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से रात 9 बजे रेस्क्यू शुरू किया। करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद धनराज के शव को निकाला गया। इसके बाद हिंदुस्तान जिंक की रेस्क्यू टीम के सहयोग से रात 10.30 बजे कमलेश के शव को कुएं से बाहर निकाला गया। रात करीब 12.30 बजे शंकर के शव को कुएं से बाहर निकालने में कामयाबी मिली। इस घटना के बारे में अजमेर एसडीआरएफ को भी अवगत कराया गया था। लेकिन, एसडीआरएफ टीम के पहुंचने से पहले ही पुलिस ने हिंदुस्तान जिंक की रेस्क्यू टीम और ग्रामीणों की मदद से रेस्क्यू खत्म कर दिया था।