राजस्थान पत्रिका ने आगामी बजट को लेकर आमजन से उम्मीदों और उन्हें क्या रियायतें चाहिए, इन तमाम मुद्दों पर बात की। पेट्रोल-डीजल, अनाज, गैस, रोजगार, टैक्स समेत कई मुद्दों हैं, जो सीधे तौर पर घर-परिवार को प्रभावित करते हैं, ऐसे में लोगों को इन मुद्दों पर सरकार से बड़ी उम्मीदें हैं। लोगों का मानना है कि युवाओं के लिए रोजगार के पर्याप्त अवसर होने चाहिए।
महिला वर्ग को मिले विशेष तवज्जो
बजट में महिला वर्ग को विशेष तवज्जो देनी चाहिए। महंगाई पर लगाम की जरूरत है। घर का बजट बनाने में आसानी हो। इसके लिए सस्ते एलपीजी सिलेंडर उपलब्ध हो सके, ये तय किया जाए। पेट्रोल-डीजल के दामों में भी कमी की जरूरत है। – दिव्या बोरदिया
महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशेष प्रावधान चाहिए। इससे महिलाओं को सभी जगह सुरक्षा का भाव रहे। महिलाओं व लड़कियों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। विद्यालय-कॉलेज छात्राओं के लिए विशेष ध्यान दिया जाए। – आशा रामावत
हर नागरिक को शिक्षा व स्वास्थ्य की गारंटी मिले। ये निशुल्क होने चाहिए। स्वास्थ्य को लेकर सरकार की कई योजनाएं हैं, लेकिन इनके बावजूद प्रक्रिया जटिल होती है कि कई लोग अनजाने में लाभ ही नहीं उठा पाते। सरकार को शिक्षा पर भी राहत के कदम उठाने चाहिए। – राधेश्याम सोमाणी
घर की अर्थव्यवस्था रसोई से प्रभावित होती है। नियमित रूप से किराना और सब्जियों के भाव आसमान छू रहे हैं। बजट में ऐसे प्रावधान की अपेक्षा है, जिससे किचन पर सीधा असर आए और आमजन सुकून महसूस कर सकें। टैक्स संबंधित छूट डोमेस्टिक आइटम पर दी जाए। – मनीष बम्ब
महंगे राशन, गैस, अनाज के कारण घर का बजट बिगड़ रहा। सरकार आम जरूरतों का ध्यान रखते सस्ता करे। डीजल-पेट्रोल के दामों में कमी की जाए। इलेक्ट्रिक गाडिय़ों को बढ़ावा दिया जाए। गैस सिलेंडरों के दाम घटाए। युवाओं के लिए रोजगार का सृजन करें। – राजू डीडवानिया
शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाने की जरूरत है। बजट में हर वर्ग को राहत देना वाला होना चाहिए। युवा, महिला व गरीब तबके पर खास जोर दिया जाए। कर प्रणाली को सरल बनाने के साथ आयकर छूट का दायरा बढ़ना चाहिए। व्यापारियों के उत्थान पर खास योजना लाई जाए। – कैलाश सोनी
बजट सर्वस्पर्शी, समावेशी और रोजगार बढ़ाने वाला हो। महंगाई को नियंत्रित करने वाला हो, आने वाले बजट में लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए योजनाओं को लाना चाहिए। नौकरी का 50 फीसदी आरक्षण करके आधी आबादी का सम्मान हो। – शिल्पा सोनी