कच्चे पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल पर मूल सीमा शुल्क शून्य से बढ़ाकर 20 फीसदी तथा रिफाइंड पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल पर मूल सीमा शुल्क 12.5 फीसदी से बढ़ाकर 32.5 फीसदी हो गया है। व्यापारियों का कहना है कि कच्चे तेलों पर प्रभावी शुल्क 5.5 से बढ़कर 27.5 फीसदी और रिफाइंड तेलों पर 13.75 से बढ़कर 35.75 फीसदी हो जाएगा। बढ़ती महंगाई से आमजन के लिए रसोई का बजट गड़बड़ा गया है। सरकार को उम्मीद है कि इससे देश के किसानों को फायदा होगा। यह और बात है कि विदेश से आने वाला ईडेबल ऑयल महंगा होगा। सरकार के निर्णय का व्यापारियों ने विरोध किया है। गृहणियों के रसोई का खर्चा बढ़ गया है।
त्योहारी सीजन में 20 रुपए लीटर की तेजी त्योहारी सीजन में यह तेजी 20 रुपए प्रति लीटर हो गई है। आने वाले दिनों में इससे अधिक तेजी आने की संभावना है। इससे महंगाई का असर घर की रसोई पर पड़ेगा। अब आम आदमी की जेब भी पहले से अधिक ढ़ीली होगी। सरसों तेल भी महंगा हो गया है। शहर के किराना बाजार में रिफाइंड और सरसों के अलावा अन्य खाद्य तेलों पर 20 रुपए प्रति किलो की महंगाई हो गई है। तेलों के दामों में उछाल से बाजार में आने वाली चीजें अपने आप महंगी हो जाएगी।
सरसों तेल, आटा महंगा रिफांइड और सोया ऑयल के साथ सरसों का तेल महंगा हो गया है। बीते माह यह 106 रुपए किलो था, जबकि अब यह 149 रुपए किलो हो गया है। सीलबंद बोतल का सरसों तेल इससे महंगा है। पैक बंद आटा भी महंगा हो गया है। आटे पर भी 1.60 पैसा मंडी शुल्क तथा 50 पैसा किसान कल्याण शुल्क लगा दिया है। पांच किलो का जो बैग 150 रुपए में मिलता था, अब वह 170 रुपए का हो गया है।
सरसों के तेल में सबसे तेजी केंद्र सरकार की ओर से सीमा शुल्क बढ़ाने से खाद्य तेलों में तेजी आई है। सबसे महंगा सरसों का तेल है। एक किलो तेल 106 रुपए के भाव था। यह अब 149 रुपए किलोग्राम हो गया। इसके अलावा सभी तेल के टीन में 300 रुपए की तेजी आई है। इससे महंगाई बढ़ गई है। आने वाले त्योहार पर इसका असर पड़ेगा।
– राजेन्द्र बिड़ला, मंडी व्यापारी खाद्य तेल पहले अब