राजस्थान पत्रिका की टीम कार्यालय पहुंची तो कुछ कमरों में बरसात का पानी टपका था। एक कर्मचारी साफ कर रहा था। उसने बताया कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी एक है, जो सहाड़ा के माकडि़या स्कूल से यहां लगाया है। एक पदोन्नति के बाद रिलीव हो चुका है। दो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सीडीईओ कार्यालय में लगा रखे हैं। ऐसे में बरसात के पानी को साफ करने के लिए स्वयं अधिकारियों का लगना पड़ता है। स्वीपर सप्ताह में दो बार आता है। यहां के शौचालय बदहाल है। गेट टूटे पड़े हैं।
पत्रिका टीम के सामने किसी ने एक कर्मचारी से जानकारी चाही तो जवाब मिला कि कंप्यूटर पर जानकारी मिल जाएगी। उसने कहा कि मुझे कंप्यूटर चलाना नहीं आता है तो जवाब आया कि पहले कंप्यूटर चलाना सीखिए। चाही गई जानकारी नहीं दी। वह कर्मचारी थोड़ी देर में वाहन लेकर चला गया। अन्य कर्मचारी का कहना था कि यह अब शाम को लौटेेंगे। दिन में ब्रोकरी करते हैं।
कमियां दूर करेंगे विभाग के पास बजट नहीं है। नए भवन की मांग है। चार विभाग का अतिरिक्त कार्यभार है। कोई कर्मचारी नदारद रहता है तो कार्रवाई की जाएगी। कई पद खाली है। कमियां दूर करेंगे।
योगेशचन्द्र पारीक, जिला शिक्षा अधिकारी भीलवाड़ा पद का नाम स्वीकृत रिक्त