भीलवाड़ा

Bhilwara news : बड़ी बोली लगा पीछे हट रही कंपनियां, अमानत राशि जब्त करा रूकवा रही नीलामी प्रक्रिया

सरकारी सिस्टम फेल करने में जुटे बजरी माफिया: 22 ब्लॉक में नहीं होने दे रहे नीलामी पूरी

भीलवाड़ाDec 11, 2024 / 11:09 am

Suresh Jain

Companies are backing out after placing big bids, security deposit seized

Bhilwara news : जिले में बजरी माफिया सरकारी सिस्टम नाकाम करने में जुटे हैं। नीलामी प्रक्रिया में अलग ढंग से अड़ंगा लगा रहे हैं। ये नीलामी में बड़ी बोली लगाते हैं। फिर पूरी राशि जमा नहीं कराते और अपनी अमानत राशि जब्त करा देते हैं। इससे नीलामी प्रक्रिया अधूरी रह जाती है और उस क्षेत्र से बजरी का अवैध खनन जारी रहता है। भीलवाड़ा, जहाजपुर व बिजौलियां तहसील क्षेत्र में बनास नदी में बजरी की एक भी लीज नहीं है। लोगों को सस्ती बजरी दिलाने को सरकार व खनिज विभाग तीन दर्जन ब्लॉक नीलामी के लिए निकाले। इनमें 13 को केवल मंशा पत्र जारी हुआ। 22 ब्लॉक में कंपनियों ने इतनी अधिक नीलामी राशि लगाई कि बोली छूटने के बाद राशि जमा नहीं करा पाई। इससे अमानत राशि के रूप में सरकारी खजाने में राजस्व बढ़ गया, लेकिन आमजन काे सस्ती बजरी नहीं मिली। अब इन 22 ब्लॉक की नीलामी निरस्त कर पुन: निविदाएं करनी पड़ रही है।
खजाने में आए 8.80 करोड़

भीलवाड़ा खनिज विभाग ने कुछ माह में अलग-अलग 22 ब्लॉक बजरी के नीलाम किए। चार ब्लॉक पर 150 करोड़ रुपए तक की बोली आई। बोलीदाता ने राशि जमा नहीं करा रहे। नीलामी में हिस्सा लेने वाली कंपनी की अमानत राशि विभाग जब्त कर रहा है। एक नीलामी में अमानत राशि 40 लाख रुपए है। यह विभाग जब्त कर रहा है। इससे सरकारी खजाने में बिना कुछ करे 8.80 करोड़ रुपए जमा हो गए, लेकिन लोगों को सस्ती बजरी नहीं मिली।
बीसलपुर से डि-सिल्टिंग के चलते तो नहीं हो रहा खेल

खनिज विभाग से जुड़े लोगों का कहना है कि कुछ लोग सरकार को बजरी मामले में फेल करना चाहते हैं। बजरी ब्लॉक की नीलामी में भाग ले रहे हैं, लेकिन नीलामी के बाद राशि जमा नहीं करा रहे। इसके पीछे मुख्य कारण बीसलपुर बांध की डि-सिल्टिंग कार्य तो नहीं है? डि-सिल्टिंग के दौरान 15.33 करोड़ टन निकलने वाली बजरी एवं ग्रेवल है। यहां से 2 फरवरी 2043 तक बजरी व ग्रेवल निकालने का कार्य एनजी गडिया जयपुर को दिया है। बीसलपुर की बजरी भीलवाड़ा, कोटा, बूंदी, झालावाड़, देवली, टोंक के साथ पड़ोसी राज्यों में भी जा रही है। यहां से प्रतिदिन एक हजार डंपर व ट्रेलर से बजरी परिवहन हो रहा है।
13 ब्लॉक में मंशा पत्र जारी, लेकिन ईसी नहीं

विभाग ने 13 ब्लॉक में बजरी निकालने के मंशा पत्र जारी किए, लेकिन पर्यावरण स्वीकृति (ईसी) नहीं मिलने से करार नहीं हो सका। इसके पीछे कुछ लोगों का हाथ माना जा रहा है। ईसी मिलते ही बजरी निकालना शुरू होगा। लोगों को सस्ती बजरी मिलने लगेगी। ऐसा कुछ कंपनियां नहीं चाहती है।
इनके ब्लॉक की निकाली नीलामी

हमीरगढ़ क्षेत्र में जवासियां, सायला, बरड़ोद, खेराबाद, कांयाखेड़ी, बरड़ोद, खेतहजारियां, भैंसाकुण्डल, मोहनपुरा, खैराबाद, कांयाखेड़ी, गुवारड़ी, सवाईपुर क्षेत्र के गेगाका खेड़ा, करेड़, भाकलियां, सोपुरा, जहाजपुर तहसील के केशरपुरा, भरणीकलां, रावतखेड़ा, शक्करपुरा, तरनियां खेड़ा, ओडिया खेड़ा, जामोली, रावतखेड़ा, रामपुरा, रामगढ़, रावतखेड़ा, गेंदलियां, अमरतियां, करेड़ तथा हुरड़ा सेजा हुरड़ा व नगर, बिजयनगर शामिल है। इन 22 ब्लाॅक की नीलामी केवल दो कम्पनी रॉयल सिक्युरिटी सर्विसेज तथा ग्लेज कॉर्पोरेट सर्विसेज प्रा. लि. ने लगाई है। चार ब्लॉक में 150-150 करोड़ की बोली लगाई है।
फिर निकाल रहे निविदाएं

जिले में 22 ब्लॉक बजरी के बनाकर नीलामी निकाली गई थी। कुछ कम्पनियां बोली लगाने के बाद राशि जमा नहीं करवा रही है। इस कारण इन बोली को निरस्त कर फिर से नई निविदाएं निकाल रहे हैं। इसके प्रस्ताव बनाकर डीएमजी को भेज दिए हैं।
चंदनकुमार, खनिज अभियंता भीलवाड़ा

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