नीलामी चबूतरों पर कब्जे से किसानों की उपज खुले में सड़क पर बिखरी रहती है, हालात यह है कि किसानों को नीलामी चबूतरों पर बैठने तक की जगह नहीं दी जा रही है। मंडी सचिव, संबधित कर्मचारी तक इस संदर्भ में कार्रवाई नहीं कर रहे है। राजस्थान पत्रिका ने समाचार अभियान के जरिए किसानों की पीड़ा उजागर करने पर मंडी प्रशासन ने तीन साल में कब्जा धारक व्यापारियों को तीन बार नोटिस थमाए, यह नोटिस कुल ६४ व्यापारियों को थमाए, लेकिन एक भी व्यापारी से मंडी प्रशासक अवैध कब्जा मुक्त नहीं करा सका।
फल मंडी में जीर्ण शीर्ण एवं जर्जर हुए नीलामी चबूतरे की मरम्मत के लिए भी मंडी प्रशासक यहां कब्जा जमा कर बैठे व्यापारियों को नहीं हटा पा रहा है। हालात यह है कि छह माह पूर्व मंडी प्रशासन ने चबूतरे के एक हिस्से की छत गिरा दी, लेकिन शेष हिस्सा अभी भी रामभरोसे है। समूचा प्लेटफार्म खाली नहीं होने से यहां शुरू होने वाला निर्माण कार्य भी अधर में है।