जिला कलक्टर राजेन्द्र भट्ट का गुरुवार देर रात तबादला हो गया। उन्हें आयुक्त देवास्थान विभाग उदयपुर पद पर लगाया गया है। भट्ट के स्थान पर श्रीगंगानगर जिला कलक्टर एन शिवप्रसाद मदान भीलवाड़ा जिला कलक्टर होंगे। Bhilwara Collector got opportunity to serve his father if he served the public
आईएएस सेवा के अधिकारी राजेन्द्र भट्ट ने २५ दिसम्बर २०१८ को जिला कलक्टर पद का संभाला था, वह अपने विशिष्ट कामकाज को लेकर शुरू से ही सुर्खियों में रहे। कोरोना काल में जिले में कोराना महामारी पर अंकुश को लेकर उन्होंने जो चक्रव्यूह बनाया और उस पर टीम से जो काम करवाया, वो देश में भीलवाड़ा मॉडल के रूप में उभरा।
कोरोना को शहर व जिले को बचाने के लिए देश में पहला कोराना कफ्र्यू व उसके बाद महाकफ्र्यू का उनका ठोस निर्णय प्रभावी साबित हुआ। यहीं कारण है कि मार्च २०२० के अंतिम सप्ताह में देश का पहला कोरोना एपिक सेंटर के रूप में भीलवाड़ा के उभरने के बावजूद तेजी से प्रभावी तरीके से जिले में कोराना को सोशल स्प्रेड होने से रोक लिया।
कोरोना पर अंकुश के लिए उन्होंने एक परिवार के शादी समारोह में ५० से अधिक मेहमानों के बुलाने और इस परिवार में एक जने की कोरोना से मौत होने तथा पन्द्रह अन्य लोगों के संक्रमित होने की घटना पर भट्ट ने कड़ा निर्णय लिया। परिवार के मुखिया पर छह लाख २६ हजार रुपए का जुर्माना लगाया, वही कोविड के तहत मुकदमा भी पुलिस थाने में दर्ज कराया।
कोरोना काल में अफवाहें फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की और गिरफ्तारी तक करवाई। कोरोना काल के दौरान जिले व शहर से जुड़ी सीमाओं को लॉक करने के साथ ही शहर में ५४ दिन का कफ्र्यू लगाते हुए, उन्होंने जो कदम उठाए वो असरकारक रहे।
इसी प्रकार नगर परिषद में सभापति व पार्षदों के समाधान में भी उन्होंने पहल की, इतना ही नहीं निविदाओं में शिकायत पर टेंडर पर निरस्त करवाए। उपनगर पुर में मकानों में आई रहस्यमय दरारों से प्रभावित परिवारों के पुर्नवास के लिए भी भट्ट ने अहम भूमिका निभाई। शहर व जिले की कानून व्यवस्था में भी पुलिस प्रशासन के साथ खड़े दिखाई दिए और बजरी माफियाओं के खिलाफ बड़ी मुहिम छेड़े हुए थे।
डाबी भी रही सुर्खियों में
कोरोना काल में भट्ट के साथ ही सहयोगी के रूप में देश में चर्चित हुई देश की आईएएस टॉपर उपखंड अधिकारी टीना डाबी का तबादला मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीगंगानगर पद पर किया गया, वही बजरी माफियाओं के खिलाफ गठित टॉस्क फोर्स के प्रभारी के रूप में सुर्खियों में आए बदनोर उपखंड अधिकारी अहतर आमिद उल शफी खान को मुख्य कार्यकारी अधिकारी जयपुर की जिम्मेदारी दी गई है। दूसरी तरफ डाबी के स्थान पर बीकानेर की उपखंड अधिकारी रिया केजरीवाल को लगाया गया है।
भाजपा का रहा निशाना
उपखंड अधिकारी टीना डॉबी का काय काल भी जिले को विकास की पायदान पर बढ़ाने वाला रहा। हालांकि भाजपा ने फेसबुक पर उनकी कथित टिप्पणी को लेकर सवाल भी उठाए थे, इसके बावजूद कोरोना से निपटने व बजरी माफियाओं के खिलाफ प्रशासनिक कार्यवाही में डाबी भी संक्रिय रही।