यह भी पढ़ें: Digital Arrest: क्या होता है डिजिटल अरेस्ट और कैसे एक झटके में बर्बाद कर सकता है? अलर्ट रहे इस गंदे खेल से.. शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक के दो अधिकारी सहायक प्रबंधक स्वप्निल शानू और अदीति दुबे ने आईआईटी भिलाई पहुंचकर आरबीआई की इस डिजिटल करेंसी का डेमो दिया। एक्सपर्ट्स ने कहा कि डिजिटल करेंसी यूपीआई की तुलना में और भी अधिक सुरक्षित है। आरबीआई ने डिजिटल करेंसी के पूरे सेटअप को ब्लॉकचेन (खास कंप्यूटर कोडिंग) के जरिए तैयार किया है।
ब्लॉकचेन की वजह से डिजिटल करेंसी को हैक नहीं करना संभव नहीं है। हर ग्राहक का डाटा ब्लॉकचेन में सुरक्षित रहता है, जिससे यदि कभी कोई हैकर्स डाटा चोरी करने की कोशिश करता है तो सभी गुप्त सामाग्रियां अपने आप ही क्लाउड के लाखाें चेन में विभाजित हो जाती है। जिसे एक्सेस नहीं किया जा सकता। इस तरह ग्राहक के रुपए और डाटा दोनों ही सुरक्षित रहेंगे।
ई-रुपी कैसे लोड करें?
उपयोगकर्ता अपने लिंक किए गए बैंक खाते के माध्यम से आवश्यक टोकन राशि लोड कर सकते हैं या डिजिटल रुपए के विभिन्न मूल्यवर्ग का चयन कर सकते हैं। इसके लिए आपको ऐप की जरूरत पड़ेगी, जिसके वॉलेट में आप अपना डिजिटल कैश लोड करेंगे। इसके लिए भी आपको बैंक पिन की जरूरत पड़ेगी। राशि सीधे बैंक खाते से डेबिट होकर वॉलेट में क्रेडिट हो जाएगी। आरबीआई से आए सहायक प्रबंधकों ने बताया कि, आरबीआई से जारी होने वाला डिजिटल रुपया पूरी तरह से लीगल टेंडर है। इसकी वैल्यू सेफ स्टोर वाले लीगल टेंडर नोट के बराबर ही होगी। आरबीआई की डिजिटल करेंसी आने से आपको अपने पास कैश रखने की जरूरत नहीं होगी। धीरे-धीरे देश से नोट वाली करेंसी खत्म करने की योजना है। आप अपना पूरा पूरा ई-वॉलेट में रख सकेंगे। इसके अलावा यूजर्स इसे बैंक मनी और कैश में कन्वर्ट कर सकेंगे। सबसे बड़ी बात यह है कि डिजिटल करेंसी का सर्कुलेशन आरबीआई के नियंत्रण में होगा।
जिस तरह अभी आरबीआई नोट छांपती है, वैसे ही डिजिटल करेंसी भी तैयार करना आरबीआई की जिम्मेदारी होगी। जिस तरह अभी नोटों को तैयार करने तमाम तरह के फीचर्स दिए जाते हैं, वैसे ही डिजिटल करेंसी में होंगे।