scriptCG Education: अब विश्वविद्यालय ने बदला यह नियम, शोधार्थियों को दी चेतावनी | Now the university changed this rule | Patrika News
भिलाई

CG Education: अब विश्वविद्यालय ने बदला यह नियम, शोधार्थियों को दी चेतावनी

CG Education: शोध संस्थानों में थीसिस की नकल रोकने कड़े कदम उठाने का निर्णय लिया है। इस संबंध में जारी ड्राट के अनुसार अब यदि कि

भिलाईDec 13, 2024 / 01:24 pm

Love Sonkar

CG Education

CG Education

CG Education: हेमचंद यादव विश्वविद्यालय ने अपने शोधार्थियों को थीसीस लिखने के दौरान नकल करने को लेकर चेता दिया है। विवि पीएचडी सेल को पीएचडी शोधार्थियों की थीसीस में लगातार कट-कॉपी-पेस्ट कॉन्टेंट मिल रहा है। यह कंटेंट 15 से 22 फीसदी तक मिला है, जिसे इंटरनेट से निकालकर थीसीस में जोड़ा जा रहा है। फिलहाल, विवि ने इस शोधार्थियों को उनके थीसीस लौटा दिए हैं।
यह भी पढ़ें: Hindi Diwas 2024: इस देश में हिंदी लोगों को दे रही रोजगार, कई विश्वविद्यालयों में शोध कार्य…

साथ ही एक चेतावनी भी जारी की। थीसीस में प्लेगरिजम सॉटवेयर से जांच दौरान इन शोधार्थियों को तीन मौके दिए जाएंगे। शोधार्थियों ने एक-दो मौके पहले ही इस्तेमाल कर लिए हैं, ऐसे में अब बहुतों के पास सीमित मौके शेष हैं। विवि प्रशासन ने बताया कि थीसीस में 10 फीसदी से कम इंटरनेट का कंटेंट स्वीकार किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए कई शर्तें हैं, जिसका पालन करना होता है।

रुकेगी वेतन वृद्धि

तीसरे लेवल की पेनाल्टी में शोधार्थी प्रस्तुत शोधकार्य के प्रकाशन पर 3 वर्ष तक प्रतिबंध रहेगा। वहीं सेवारत शोधार्थी एवं गाइड की दो वार्षिक वेतन वृद्धि रोकी जा सकने का प्रावधान यूजीसी ने किया है। इसके अतिरिक्त वह गाइड तीन वर्षों तक किसी भी शोधार्थी का रिसर्च गाइड नहीं बन पाएगा। यूजीसी ने यह निर्णय शोधकार्य में नवीन अवधारणाओं के समावेश के लिए किया है।

नहीं बन पाएगा रिसर्च गाइड

यूजीसी के अनुसार प्रथम लेवल की पेनाल्टी में शोधार्थी द्वारा प्रकाशक को उपलब्ध कराए गए शोधकार्य को वापस लेना होगा। वह एक वर्ष की अवधि तक कोई भी शोध निष्कर्ष को कहीं प्रकाशित नहीं कर सकेगा। द्वितीय चरण की पेनाल्टी में शोधार्थी द्वारा प्रकाशन के लिए उपलब्ध कराए गए शोध कार्य को वापस लेने के साथ-साथ दो वर्ष तक कोई भी शोधकार्य को न कर पाने संबंधी पेनाल्टी का प्रावधान है। साथ ही सेवा में कार्यरत शोधार्थी एवं शोध निर्देशक की एक वार्षिक वेतन वृद्धि रोकी जा सकती है। इसके अलावा शोधनिर्देशक दो वर्ष तक किसी भी शोधार्थी का रिसर्च गाइड नहीं बन पाएगा।

विवि बनाएगा जांच कमेटियां

हेमचंद विश्वविद्यालय ने इसके लिए प्लेजियारिज्म डिसीप्लीनरी अथॉरिटी (पीडीए) का गठन किया है। यह अथॉरिटी शोधकार्य के मुय बिन्दुओं सारांश, संक्षेपिका हाइपोथीसिस, अवलोकन, शोध परिणाम एवं शोधनिष्कर्ष, सुझावों आदि में नकल की सूक्ष्मता से जांच करेगी। नकल का पता लगाने यूजीसी से अनुमोदित साटवेयर भी उपलब्ध है।
इसके अतिरिक्त शोध संस्थानों में एकैडेमिक मिस्कंडक्ट पैनल (एएमपी) का गठन भी अनिवार्य किया गया है। यदि किसी शोधार्थी के विरूद्ध पीएचडी थीसिस नकल की शिकायत प्राप्त होगी तो उसका प्रारंभिक तौर पर परीक्षण एएमपी कमेटी करेगी और यह कमेटी अपनी रिपोर्ट पीडीए कमेटी को सौंपेगी।

यूजीसी ने दिए निर्देश

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने शोध संस्थानों में थीसिस की नकल रोकने कड़े कदम उठाने का निर्णय लिया है। इस संबंध में जारी ड्राट के अनुसार अब यदि किसी शोधार्थी की पीएचडी थीसिस में प्लेजियारिज्म यानी नकल पाई जाती है तो उस शोधार्थी के साथ-साथ उसके रिसर्च गाइड पर भी कार्यवाई की जाएगी। सभी शोधार्थी और उनके गाइड नए कानून के दायरे में आएंगे। ड्राट में शोधार्थियों एवं उनके गाइड पर तीन चरणों में पेनाल्टी लगाने का प्रावधान होगा।

Hindi News / Bhilai / CG Education: अब विश्वविद्यालय ने बदला यह नियम, शोधार्थियों को दी चेतावनी

ट्रेंडिंग वीडियो