रायपुर एम्स का है सपोर्ट इस डिवाइस का तैयार करने में जहां एक ओर टेक्निकल सहयोग आईआईटी भिलाई का है, वहीं क्लीनिकल सपोर्ट रायपुर एम्स ने दिया है। एम्स रायपुर के विशेषज्ञ डॉ. मनीष रघानी डिवाइस की रिसर्च एंड डेवपमेंट और क्लीनिकल ट्रायल में सहयोग कर रहे हैं। इसके लिए आईआईटी भिलाई और एम्स रायपुर के बीच एमओयू हुआ है। इसी तरह एम्स दिल्ली की टीम भी डिवाइस की कार्यप्रणाली पर सहयोग कर रही है। इस डिवाइस को आईआईटी भिलाई के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. जोस इमैनुएल आर और उनके विद्यार्थियों की टीम अंजली, मानसी, धनंजय और बाविक ने मिलकर तैयार किया है।
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क्यों पड़ी जरूरत आईआईटी प्रबंधन ने बताया कि एम्स रायपुर की टीम ने बताया कि कई सारे पेशेंट के साथ यह दिक्कत पेश आती है, जिसमें मुंह नहीं खुला पाता। इसके बाद आईआईटी ने आरएंडडी शुरू की। हर तरह के पेशेंट का डाटा एनालिसिस करने के बाद डिवाइस बनाने की योजना बनी। आईआईटी ने बताया कि फिजियोथेरेपी के बाद भी कई पेशेंट अपनी दैनिक जरूरतों के लिए संघर्ष करते नजर आते हैं, उनके लिए यह डिवाइस मददगार साबित होगी। उन्हें भोजन और अन्य कार्योें के लिए मुंह खोलने में डिवाइस मदद करेगी। अब जल्द ही यह डिवाइस बाजार में आएगी। इसका पेटेंट लगभग हो चुका है। प्रोटोटाइप तैयार है, जिसे अब फाइनल टच दिया जा रहा है। एम्स दिल्ली ने की सराहना हाल ही में एम्स दिल्ली ने आईआईटीआई दृष्टि फाउंडेशन के साथ संयुक्त रूप से टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन के लिए स्टेकहोल्डर एंगेजमेंट कराया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य डिजिटल स्वास्थ्य टेक्नोलॉजी में त्वरित व्यावसायीकरण के लिए चिकित्सा प्रौद्योगिकियों और हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स पर काम करने वाले प्रमुख शोधकर्ताओं को मंच प्रदान करना था। आईआईटी भिलाई के डॉ. जोस इमैनुएल आर. के नेतृत्व में आईआईटी भिलाई की टीम और एम्स रायपुर के डॉ. पुगाजेथन और डॉ. मनीष रघानी ने अपने इस माउथ ओपनिंग डिवाइस का प्रदर्शन किया।
एम्स रायपुर के साथ आईआईटी भिलाई का एमओयू किया गया है, जिसके तहत इस तरह के समाधान दिए जा रहे हैं, जो लोगों और समाज के हित में है। यह डिवाइस मेडिकल फील्ड कि बड़ी चुनौती को कम कर सकती है। – प्रो. राजीव प्रकाश, डायरेक्टर, आईआईटी भिलाई