एनएआई के उपअधीक्षक अभय कुमार सिंह अपनी चार सदस्यीय टीम और छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल और जिला पुलिस के साथ सुबह 5.30 बजे पहुंचे। उस दौरान कलादास डहरिया अपने घर में सो रहे थे। टीम ने दरवाजा खटखटाया। जैसे ही दरवाजा खुला, टीम अंदर घुसी और कलादास डहरिया को अपने कब्जे में ले लिया।
डहरिया की पत्नी ने उनका विरोध किया। लेकिन टीम लीडर अभय कुमार सिंह ने उन्हें एनआईए अधिकारी होने का परिचय दिया। उन्होंने अपना पहचान पत्र भी दिखाया। इसके बाद पूरे घर में सर्चिंग शुरू की। पांच घंटे तक सर्च करने के बाद सुबह 10.30 बजे लौट गए।
5 घंटे तक चला सर्च ऑपरेशन
एनआईए की टीम ने कलादास डहरिया से नक्सल गतिविधियों और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की बात कही। बताया गया कि इसी संबंध में तलाशी ली जा रही है। घर के चप्पे-चप्पे में खोजबीन हुई। खिलौने, हारमोनियम के प्लेट को उठाकर चेक किया। बैंगल बॉक्स से चूडिय़ों को हटाकर जांच की गई। पूरी आलमारी को खंगाला। इसके बाद कपड़े, बिस्तर आदि की खोजबीन की। पांच घंटे तक सर्च ऑपरेशन के बाद समन देकर सुबह 10.30 बजे टीम वापस चली गई।
देश विरोधी कोई पर्चा न मिलने का दावा
पावर प्लांट मजदूर यूनियन और छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के महामंत्री कलादास डहरिया ने बताया कि जैसे पता चला कि एनआईए की टीम आई है, चकित रह गया। मजदूर नेता हूं। नक्सल फंडिंग, राष्ट्र विरोधी और सरकार विरोधी गतिविधियों से कोई संबंध नहीं है। डहरिया का कहना है कि उनके घर से देश विरोधी कोई पर्चा उन्हें नहीं मिला। उनके घर से एक पेन ड्राइव, लैपटॉप और सिम निकालकर मोबाइल ले गए। डहरिया ने कहा कि नियोगी जी के जमाने से छत्तीसगढ़ मोर्चा में हर जगह जाते हैं। जितेन्द्र शुक्ला, एसपी दुर्ग- सुबह एनआईए की टीम ने जामुल में कलादास डहरिया के घर दबिश दी। पूछताछ कर करीब 10.30 बजे चली गई। उनकी जांच में क्या रहा, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।