ग्रामीण एएसपी वेदव्रत सिरमौर और क्राइम एएसपी ऋचा मिश्रा ने पत्रवार्ता में बड़ी चोरी के मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि 21 जनवरी को पाटन स्थित मोती ज्वेलर्स मनहरण लाल देवांगन की दुकान से डेढ़ किलो चांदी और आभूषण की चोरी की थी। शटर तोड़कर अंदर घुसे थे। पाटन एसडीओपी आशीष बंछोर और डीएसपी हेम प्रकाश नायक के नेतृत्व में टीम गठित की गई। बड़ी चोरी होने की वजह से बाहरी गैंग की आशंका थी। त्रिनयन ऐप की सहायता से टीम ने क्षेत्र के सीसीटीवी कैमरों को खंगाला।
रायपुर आईटीएमएस से मिले सीसीटीवी फुटेज का अवलोकन पर उक्त चिन्हांकित गाड़ी लाभांडी मोड़ रायपुर में दिखाई दी। वाहन मालिक से पूछताछ करने पर चालक रायपुर मोवा निवासी खिलेन्द्र वर्मा को पकड़ा गया। उसने बताया कि उत्तर प्रदेश अलीगढ़ से आए लोगों ने कार को बुक किया था। उन्होंने चोरी की। इसके बाद टीम को अलीगढ़ भेजकर तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लाया गया।
अलीगढ़ जलाली निवासी आरोपी साकिब कुरैशी पिता अंनवार कुरैशी (22 वर्ष), ग्राम करेहला जसंत यादव उर्फ कलवा (25 वर्ष), पप्पू प्रजापति पिता चौसिंगा प्रजापति (54 वर्ष) और आदर्श नगर मोवा रायपुर निवासी खिलेन्द्र वर्मा पिता हरिराम वर्मा, (37 वर्ष) को गिरतार किया गया।
मिक्सी मशीन बेचने के बहाने करते थे रैकी डीएसपी हेमप्रकाश नायक ने बताया कि चालक खिलेन्द्र वर्मा बहुत शातिर था। किराए की कार बुक कर ग्रामीण इलाके में मिक्सी मशीन बेचते थे। इसी बीच सूने मकान और ज्वेलरी दुकान की रैकी करते थे। पाटन की मोती ज्वेलर्स दुकान खुलने और बंद होने के समय की रैकी की। फिर चोरी की वारदात को अंजाम दिया।
एक आरोपी तक हुलिया के आधार पर पहुंची पुलिस डीएसपी ने बताया कि टीम को अलीगढ़ भेजा गया। हुलिया एवं तकनीकी सहायता के आधार पर जलाली निवासी साकिब को पकड़ा गया। फिर जसवंत व पप्पू को ग्राम करेहला गोरया से पकड़ा गया।
एसपी जितेंद्र शुल्क ने बताया कि पुलिस ने चार बड़ी चोरियों को खुलासा किया। इसमें पारधी गैंग और अलीगढ़ गैंग शामिल है। आरोपियों से चोरी की रकम की रिकवरी हुई। साथ ही इस मामले में फरार अन्य आरोपियों को पकड़ने टीम लगाई गई है। चुनाव के बाद टीम को पुरस्कृत किया जाएगा।
दुर्ग रेंज आईजी रामगोपाल गर्ग ने कहा कि दुर्ग पुलिस ने बड़ी चोरी को सॉल्व किया है। अलीगढ़ जाकर चोरों को पकड़ा है। इसमें त्रिनयन ऐप से मदद मिली है। पूरे स्टेट में इसे लागू किया गया है। अब तक 12 हजार 500 सीसीटीवी कैमरे त्रिनयन ऐप से जुड़ गए है। इस ऐप के माध्यम से अपराधियों को ट्रेस करने में पुलिस को मदद मिल रही है।