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CG Crime: भिलाई पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, चिट्टा सप्लाई करने वाला सरगना समेत 3 गिरफ्तार… एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने गुरुवार को पत्रवार्ता में बताया कि चिट्टा के खिलाफ पूर्व में प्रभावी कार्रवाई की गई थी। इसके बाद से चिट्टा की सप्लाई करने वाले नशे के
कारोबारी शहर छोड़कर भाग गए थे। कुछ दिन पहले फिर से सूचना मिली कि पाकिस्तान बार्डर से हेरोइन (चिट्टा) मंगाया गया है और उसे 1000 और 1500 की पुड़ियों से खपाया जा रहा है।
भिलाई नगर सीएसपी सत्यप्रकाश तिवारी और क्राइम डीएसपी हेमप्रकाश नायक के नेतृत्व में टीम गठित की गई। थाना और एसीसीयू की टीम ने संयुक्त कार्यवाई की। इस बीच कैंप-1 वृंदानगर निवासी आरोपी बबलू अली पिता लियाकत अली और कैंप-1 निवासी हरपाल सिंह पिता सुखदेव सिंह नशा की सप्लाई करते हुए रंगेहाथ वृंदानगर दक्षु बाड़ी मैदान के पास पकड़े गए। आरोपियों के कब्जे से 14 ग्राम चिट्टा नशा बरामद किया गया।
23 हजार रुपए देकर भेजा था पाकिस्तान बार्डर
एएसपी सुखनंदन राठौर ने बताया कि पूछताछ में आरोपी बबलू अली ने बताया कि हरपाल सिंह से उसकी दोस्ती है। उसने कहा कि पंजाब से चिट्टा लाना है। किसी से फोन पर बात किया और 23 हजार देकर भेज दिया। ट्रेन और बस के जरिए पंजाब के तरनतारन पहुंचा। दिए हुए मोबाइल नंबर पर संपर्क किया। वह पाकिस्तान बार्डर तरनतारन में मिला। उसे रुपए दिए तो 14 ग्राम चिट्टा लेकर भिलाई आया। 10 ग्राम चिट्टा हरपाल सिंह को दिया और 6 ग्राम नशा अपने पास रखा। शासन की मंशानुसार नशे के खिलाफ लगातार सती से कार्रवाई की जा रही है। घातक नशा चिट्टा का लगभग सफाया हो गया है। वहीं पुलिस कर्मियों की कही संलिप्तता मिली तो कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी। जिले में हेरोइन और ब्राउन शुगर जैसे घातक नशा का भी सफाया कर देंगे।
जितेन्द्र शुक्लाएसपी
एसपी ने बताया कि हेरोइन (चिट्टा) मामले में अब तक अच्छी कार्रवाई की गई है। सूचना मिली है कि काफी हद इसकी सप्लाई करने वाले लोग दूर हो चुके हैं, लेकिन जब हरपाल से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि पहले वह अपने भाई मौत और उसके साथी जहर को पैसा देकर चिट्टा मंगाता था। फिर मध्यम वर्गीय लोगों के जेहन में जहर घोलने का काम करने लगा। पुलिस शहर छोड़कर फरार मौत और जहर की तलाश की जा रही है।
हरपाल से पूछताछ कर पुलिस ने छोड़ दिया था
जानकारी के मुताबिर वैशाली नगर पुलिस भी चिट्टा नशा का कारोबार करने वालों पर नजर रखी थी। सप्ताहभर पहले हरपाल सिंह को पकड़कर पूछताछ के लिए पुलिस थाना लेकर आई थी। उसकी तलाशी ली, लेकिन हरपाल के पास चिट्टा नहीं मिला। पुलिस ने उसे छोड़ दिया था। इधर एसीसीयू टीम की भी उस पर नजर थी। जैसे वह छूटा और सोचा कि अब पुलिस उसे नहीं पकड़ेगी, वह फिर चिट्टा की बिक्री करने लगा। उसी बीच उसे दबोच लिया गया।