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भिलाई

OMG.. बीएसपी में भारी-भरकम टीम, फिर भी हो रही 23 करोड़ की बिजली चोरी

नगर सेवाएं विभाग के बिजली विभाग के पास 160 कार्मिकों की बड़ी टीम है। इसके बाद भी हर साल 23 करोड़ की बिजली चोरी हो रही है। भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन इनके वेतन में हर साल 10 करोड़ रुपए खर्च कर रहा है। बिजली विभाग की टीम में 10 अफसर हैं। नियमित कर्मचारी करीब 50 हैं। इसके अलावा लगभग 12 ठेकेदार के 100 ठेका श्रमिक हैं।

भिलाईMay 28, 2024 / 09:03 pm

Abdul Salam

विद्युत नियामक आयोग, रायपुर कार्यालय में भिलाई इस्पात संयंत्र, नगर सेवाएं विभाग के अफसरों ने टाउनशिप में हो रही बिजली चोरी से हर साल 23 करोड़ का नुकसान होने की बात कही। बीएसपी के अधिकारियों ने बिजली दरों में 15 फीसदी इजाफा करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर नियामक आयोग को भेजा। इसको लेकर सुनवाई हुई। इसको लेकर अकेले स्टील सिटी चेंबर ने आपत्ति दर्ज की।

विद्युत उपभोक्ता फोरम बंद, पड़ी फटकार

चेंबर के अध्यक्ष ने बताया कि टाउन इंजीनियरिंग इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट के जिम्मेदार को विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष ने कड़ी फटकार लगाई और कहा कि भिलाई में विद्युत उपभोक्ता फोरम को क्यों बंद कर दिया गया है। वहां पर क्यों आम उपभोक्ताओं की सुनवाई नहीं होती। उपभोक्ता यहां आकर अपनी शिकायत दर्ज नहीं कराएगा तो कहां कराएगा।

प्रस्ताव का किया विरोध

विद्युत नियामक आयोग के समक्ष स्टील सिटी चेंबर के अध्यक्ष ज्ञानचंद जैन ने भिलाई इस्पात संयंत्र, टाउन इंजीनियरिंग इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट के बिजली दर वृद्धि प्रस्ताव का विरोध किया। आयोग से अपील किया कि बिजली दरों में इजाफा किसी भी स्थिति में नहीं होनी चाहिए। चेंबर ने बताया कि आयोग के आदेश के बाद भी 2008 से अब तक बीएसपी के अधिकारी बिना बाधा के चल रही बिजली चोरी रोक नहीं पाए हैं। जिससे बीएसपी को हर साल हो रहे आर्थिक नुकसान से बचाया जा सके। चोरी रोककर बीएसपी को हो रहे नुकसान की भरपाई की जा सके।

हॉफ बिजली बिल योजना नहीं हुई है लागू

चेंबर के अध्यक्ष ने सौंप गए ज्ञापन में साफ किया कि भिलाई ने जिस नुकसान से भरपाई की बात कही है, वह काल्पनिक दस्तावेजों पर आधारित है। उन्होंने छत्तीसगढ़ शासन ने हॉफ बिजली बिल योजना को अब तक भिलाई इस्पात संयंत्र ने लागू नहीं किए जाने पर भी गहरा रोष जाहिर किया। यहां तक कहा कि शहर के आम आवासीय उपभोक्ताओं को राज्य शासन के आदेश की तारीख से विद्युत बिल योजना का लाभ मिलना चाहिए, इस संदर्भ में भी आयोग को दिशा निर्देश देना चाहिए।

बिजली काटने के नाम पर दी जाती है धमकी

चेंबर के अध्यक्ष व दिनेश सिंघल महासचिव ने आयोग के समक्ष प्रस्तुत दस्तावेजों में बताया कि भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन समय-समय पर तृतीय पक्ष के उपभोक्ताओं को हर विषय पर जिस पर किसी तरह की कोई भी आपत्ति आवास या दुकानों के संबंध में भिलाई इस्पात संयंत्र को हो, हर दस्तावेज में विद्युत कनेक्शन काटे जाने की धमकी दी जाती है। आयोग ने पूर्व में आदेश जारी किया था, जिसमें इस बात का उल्लेख था, कि समय पर बिजली बिलों के भुगतान होने पर किसी भी उपभोक्ता की बिजली नहीं काटी जा सकती। इस विषय पर भी आयोग ने भिलाई इस्पात टाउन इंजीनियरिंग इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट के प्रतिरोध जाहिर किया और स्टील सिटी चेंबर के पदाधिकारी को दस्तावेज उपलब्ध कराने की बात कहीं। चेंबर के पदाधिकारी ने तत्काल दस्तावेज पेश किया।

समय पर नहीं हो रहा रीडिंग

स्टील सिटी चेंबर के उपाध्यक्ष सुरेश रतनानी व सलाहकार सदस्य रामकुमार गुप्ता ने बताया कि समय पर मीटर रीडिंग नहीं किया जाता। इस वजह से वक्त पर बिजली बिल उपभोक्ताओं तक नहीं भेजा जा रहा है। शिकायत दर्ज कराई और ऑनलाइन के साथ पेपर बिल भेजे जाने की बात आयोग के समक्ष रखी। आयोग के समक्ष रखे प्रस्ताव पर भिलाई इस्पात संयंत्र से जवाब तलब किया है। और चैंबर पदाधिकारी को आयोग ने आश्वस्त किया है कि उनकी ओर से दर्ज शिकायतों का हर स्तर पर निराकरण होगा। चेंबर पदाधिकारी ने खुलकर इस बात को कहा है कि बीएसपी के विद्युत दर वृद्धि प्रस्ताव को स्वीकृति दी जाती है, तो शहर का वातावरण अशांत भी हो सकता है। इसका गंभीर असर शहर के व्यापार पर पड़ेगा। शहर के आम उपभोक्ताओं को अनेक परेशानियों का सामना भी करना पड़ेगा। इसलिए स्टील सिटी चेंबर के सुझावों पर विचार किया जाना चाहिए और भिलाई इस्पात संयंत्र टाउन इंजीनियरिंग इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट को किसी भी स्थिति में विद्युत दरों में वृद्धि का कोई प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। https://www.patrika.com/exclusive/watch-the-video-in-the-first-year-all-the-plants-died-without-water-but-did-not-give-up-18727232

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