यह भी पढ़ें
जीवनसाथी बना कातिल… पत्थर से पीटकर पत्नी को उतारा मौत के घाट, गिरफ्तार
क्यों पड़ रही जरूरत मैनेजमेंट और कंप्यूटर एप्लीकेशन जैसे कोर्स को हमेशा से ही एआईसीटीई के दायरे में रखा गया है, क्योंकि इन्हें प्रोफेशनल कोर्स कहा जाता है। बीबीए और बीसीए भी मैनेजमेंट, कंप्यूटर से जुड़े कोर्स हैं। ऐसे में इनका भी एआईसीटीई अप्रूवल कराने के लिए मसौदा तैयार किया जा रहा है। एआईसीटीई का मकसद इन कोर्स के विद्यार्थियों को बेहतर गुणवत्ता शिक्षा से जोड़ना है।
कॉलेजों को बीबीए और बीसीए संचालित करने आगामी सत्र से एआईसीटीई से मंजूरी लेने का मौका मिलेगा। यह पहली बार है जब बीबीए और बीसीए को भी एआईसीटीई अप्रूवल देगा। इसके संबंध में सभी कॉलेजों से फीडबैक लिया जा रहा है। बीबीए और बीसीए का अप्रूवल देने के लिए दो कैटेगरी तय की गई हैं। पहली ऐसे टेक्निकल कॉलेज जो पहले से ही यूजी कोर्स यूनिवर्सिटी से संबद्धता लेकर संचालित कर रहे हैं। दूसरे नए कॉलेज जो इन कोर्सेस को शुरू करना चाहते हैं।
यह भी पढ़ें
‘गांव के जीरो शहर मा हिरो’ मूवी इस दिन होगी रिलीज, डायरेक्टर ने बताई स्टोरी की खास बातें
इनको नहीं है अनिवार्यता पुराने कॉलेजों के लिए फिलहाल एआईसीटीई अप्रूवल अनिवार्य नहीं किया गया है। यदि वे एप्रवूल ले लेते हैं तो उनके विद्यार्थियों को ही फायदा पहुंचेगा। डिग्री कन्वेशनल/एकेडमिक नहीं होकर प्रोफेशनल डिग्री कहलाएगी। एआईसीटीई से अप्रूवल का मसौदा फाइनल होने के बाद यह कोर्स फीस विनियामक आयोग में भी जाएगी। यानी इंजीनियरिंग और अन्य प्रोफेशनल कोर्स की तरह बीबीए और बीसीए की फीस भी निर्धारित होगी। कोर्सेज को विवि अनुदान आयोग (यूजीसी) के नियमों से तय होते हैं। अलग से एजेंसी से अनुमति की जरूरत नहीं होती।