बड़ा सवाल…समस्याओं का निराकरण ही असल उपलब्धि इस प्रकरण को लेकर सबसे बड़ा सवाल यह भी खड़ा होता है कि जिन उपलब्धियों को कार्यक्रम के माध्यम से गिनाया जा रहा था, वह लगभग आमजन को पता है या उनका लाभ मिला या नहीं यह भी उनको पता है। असल उपलब्धि आमजन की समस्याओं का निराकरण करना है। अगर साफ तौर पर जबावदेही तय नहीं होगी तो समस्याओं का निराकरण होना भी असंभव है। जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों को चाहिए था कि पहले उन महिलाओं की समस्या को सुनना था, ताकि सरकार की असल उपलब्धि व मंशा के अनुसार उनकी समस्याओं का निराकरण कराने के साथ ही उन्हें हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया जा सके।
महिलाएं बोली: हमारी चिंता कौन करे, ये सब एक जैसे वापस घर लौट रही महिलाओं ने बताया कि इससे पहले भी दो बार वह ज्ञापन देकर समस्या से अवगत करा चुकी हैं। जलभराव के कारण कॉलोनी में आए दिन झगड़े होते रहते हैं। ऐसे में नालियां नहीं होने के कारण पड़ोसियों से विवाद की बात आम हो चुकी है। अब तीसरी बार ज्ञापन देने आए तो किसी ने उनकी समस्या जानना तक उचित नहीं समझा। अब किसी दिन पूरे दिन के हिसाब से कलक्ट्रेट में आकर बैठ जाएंगे ताकि कोई न कोई अधिकारी या नेता तो हमारी समस्या को सुनेगा।