जानकारी के अनुसार कुम्हेर थाने के गांव जहांवीर सहलवारा थाना कुम्हेर निवासी राजेद्री पत्नी परसादी अपने परिजनों व पड़ोसियों के साथ सत्संग में गई थी। जहां भगदड़ में वह घायल हो गई। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां शाम को उसने दम तोड़ दिया।
इसके अलावा मलाह गांव की एक महिला रानी (40) और उसके बेटी ज्योति (16) भी सत्संग में आई थी, इसमें महिला रानी घायल हो गई। उसे एटा के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। भरतपुर से विजया नगर कॉलोनी, कुम्हा, दयोपुरा गांवा से बस गई थी। बाकी लोग अपनी छोटी गाड़ियों से हाथरस पहुंचे थे। उधर, डीग कलक्टर श्रुति भारद्वाज और भरतपुर कलक्टर डॉ. अमित यादव का कहना था कि भगदड़ में राज्य से किसी के भी हताहत होने की यूपी प्रशासन ने पुष्टि नहीं की है।
…..और अचानक गिरने लगी महिलाएं
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सत्संग स्थल पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। भीषण गर्मी व उमस के कारण जब कार्यक्रम समाप्त हुआ तो एक साथ सारी भीड़ उठ खड़ी हुई और दो दर्जन से अधिक महिलाएं चक्कर खाकर गिर गई। इससे कार्यक्रम स्थल पर अफवाह फैल गई कि कोई आपदा के कारण लोग मर रहे हैं। इससे भदगड़ मच गई।यहा से गए थे अनुयायी
कुम्हेर कस्बा सहित पिचूमर, सुपावस, साबौरा चौकीपुरा, सिकरोरी, सहित अन्य गांव से सैकड़ों की सख्या में जाटव समुदाय के भोले बाबा के अनुयायी सत्संग के लिए जाते हैं। हाथरस में आयोजित सत्संग के लिए कुम्हेर कस्बे के बडा मोहल्ला सहित ग्रामीण क्षेत्र से करीब चार बसों एवं छोटे वाहनों में सवार हाथरस के लिए भोले बाबा का सत्संग सुनने के लिए जाटव समुदाय के महिला एवं पुरुष गए थे।अस्पताल में 27 शव
सत्संग में शामिल होने गए विजेंद्र निवासी कूम्हा ने बताया कि मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम के नाम से एक कमेटी है। उसकी ओर से सत्संग की सूचना मिली थी। भरतपुर से शामिल होने वाले लोग सुबह करीब 6 बजे हाथरस के लिए रवाना हुए थे। विजेन्द्र ने बताया कि हमारी बस हाथरस से निकल भी नहीं पाई थी कि उससे पहले ही हादसे का पता पता लगा। हमने हाथरस की कमेटी से संपर्क किया। इसके बाद हम भरतपुर के लोगों की तलाश में हाथरस पहुंचे जहां हमें पता लगा कि मलाह निवासी महिला रानी और उसकी बेटी ज्योति घायल हुई है और एटा अस्पताल में भर्ती हैं। हम सभी लोगा एटा पहुंचे तो वहां पता लगा कि रानी बेहोश हो गई थी। एटा अस्पताल मे करीब 27 शव रखे थे। वहां की पुलिस ने हमें सभी शव दिखा, लेकिन हमें उसमें से कोई भी भरतपुर का रहने वाला नहीं लगा।