उन्होंने पत्र में लिखा है कि वर्तमान में उदयपुर से चलकर आगरा के लिए बयाना जंक्शन के रास्ते जाने वाली इस ट्रेन को भरतपुर होकर चलाया जाए। ताकि भरतपुर और आसपास के क्षेत्रों के लोगों को भी इस अत्याधुनिक सुविधा का लाभ मिल सके। पत्र में कहा है कि ताज ट्रेपीजियम जोन एवं केवलादेव नेशनल पार्क की वजह से अभी तक भरतपुर कोई वास्तविक मायने में औद्योगिक क्षेत्र विकसित नहीं हुआ है। तुलनात्मक रूप से भरतपुर में जनसंख्या का घनत्व राजस्थान में सबसे अधिक होने के कारण भी भरतपुर में और अधिक विकास की आवश्यकता है और बेरोजगारी चरम पर है।
अब उपरोक्त ट्रेन को वाया भरतपुर ना चलाने की वजह से यहां केवलादेव नेशनल पार्क के टूरिस्ट पर पूरा दुष्प्रभाव पड़ेगा एवं पर्यटन को बहुत बड़ी क्षति होगी। यही नहीं दिल्ली मुंबई ग्रीन एक्सप्रेस हाइवे भी रणथंभौर के पास होकर निकलता है। ऐसे में पहले आगरा एवं अब रणथंभौर की वजह से भरतपुर के विकास का पहिया पूरी तरह से थम जाएगा। पत्र में लिखा है कि सभी क्षेत्रों में विकास सामान रूप से और ज्यादा हो उसके लिए आवश्यक है कि केवलादेव नेशनल पार्क, सरिस्का और रणथंभौर अभयारण्यों का एक गोल्डन ट्रायंगल बनाया जाए, जिससे तीनों अभयारण्य आपस में विकास में एक-दूसरे के पूरक सिद्ध हो सकें।