सहायक वन संरक्षक अभिषेक शर्मा ने बताया कि लॉक डाउन के दौरान नगर पालिका बयाना ने बयाना रेंज के बयाना पहाड़ (अ) के खसरा नंबर 3062 व 2779 में अवैध तरीके से सड़क निर्माण एवं टिन शेड का निर्माण करा दिया। इसको लेकर क्षेत्रीय वन अधिकारी द्वारा नगर पालिका बयाना को नोटिस भी भेजा। वन विभाग की ओर से मदान इलाके का सीमाज्ञान करवाया था। गतिरोध के चलते राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ संयुक्त रूप से सर्वे करवाया गया, जिसमें जमीन वन विभाग की निकली थी। इसके बाद भी पालिका ने जमीन से अतिक्रमण को नहीं हटाया, जिस पर कार्रवाई कर सोमवार को अतिक्रमण को मौके से हटवा दिया। वन विभाग की ओर से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई से नगर पालिका बयाना के अधिकारी खफा हो गए और उन्होंने अपने कचरे से भरे वाहन वन विभाग के बयाना कार्यालय के बाहर खड़े करवा दिए। इससे वन विभाग के कार्यालय का दरवाजा बंद हो गया। एसीएफ अभिषेक शर्मा ने बताया कि वन विभाग के कार्यालय के बाहर कचरे से भरे वाहन खड़े करने के बाद नगर पालिका के अधिकारी से बात कीं गई। जिस पर उन्होंने वाहनों को जल्द हटवाने का भरोसा दिया।
पालिका के सामने आया कचरे डालने का संकट डंपिंग यार्ड का अभाव होने से पालिका लम्बे समय से मदान इलाके में कचरा डाल रही है। इस जमीन से अतिक्रमण हटाने के बाद वन विभाग ने अपना बोर्ड लगा दिया है। अब पालिका के सामने कचरा डंपिंग करने का संकट खड़ा हो गया है। गौरतलब रहे कि पूर्व में भीतरवाडी के लोगों की ओर से कचरे डालने का विरोध करने पर एसडीएम की ओर से नगरपालिका व रीको को डंपिंग यार्ड बनाने के लिए प्रस्ताव जिला कलक्टर को भेजा था। लेकिन करीब दो साल होने के बाद भी डंपिंग यार्ड के लिए जमीन नहीं दी गई है। उधर, सफाई निरीक्षक वृषभानसिंह ने बताया कि मदान इलाके मे कस्बे का कचरा सग्रहण कर डाला जाता था जिसे मशीन से नष्ट किया जा रहा था। लेकिन वन विभाग की इस कार्रवाई के बाद अब पालिका की कचरे से भरी गाडिय़ां दिन भर खड़ी रही है। वहीं, वन विभाग के अधिकारी लाखन सिंह ने बताया कि कार्यालय के सामने खड़े पालिका के कचरे के वाहनों से कार्यालय का रास्ता बंद हो गया है। मामले की जानकारी अधिकारियों को दी है। वहीं, बताया जा रहा है कि कचरे के वाहन किसी के कहने पर खड़े करवाए गए थे।