अस्पताल प्रबंधन: डॉक्टरों ने की महिला को बचाने की पूरी कोशिश इस मामले को लेकर जब पत्रिका ने निजी हॉस्पिटल के संचालक डॉ. लोकेश जिंदल से बात की तो उन्होंने बताया कि 21 अप्रेल को पथरी की शिकायत होने पर महिला को भर्ती किया गया था। जहां पित की थैली में पथरी का ऑपरेशन करने के बाद महिला की हालत ठीक थी, लेकिन अचानक 22 अप्रेल को दोपहर महिला का बीपी डाउन होने लगा। पेट में पानी भरा हुआ था। डॉक्टरों की टीम ने महिला को बचाने के लिए काफी कोशिश की, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। कोई भी डॉक्टर अपने मरीज का जीवन बचाने के लिए लापरवाही नहीं करता है, बाकी सब ईश्वर के हवाले होता है। अस्पताल प्रबंधन ने प्रकरण में कोई लापरवाही नहीं बरती है।