जानकारी के अनुसार इंद्रा सर्किल पर शहनाज हेयर सैलून के संचालक आरोपी इमरान ने सुबह करीब 11 बजे पड़ोसी दुकानदार से उधार गुटखा मांगा, लेकिन पुराना लेनदेन सही नहीं होने के कारण दुकानदार ने आरोपी को उधार देने से मना कर दिया। इस पर आरोपी अपने चाचा शौकीन पुत्र पूरन व दादा पूरन पुत्र श्यामलाल तथा दुकान पर कार्य करने बाले कलवा पुत्र छाजू को लेकर दुकानदार से झगड़ा करने पहुंच गया तथा दुकानदार के साथ मारपीट की। इस पर पुलिस ने आरोपी के चाचा व दादा के साथ एक अन्य को शांतिभंग में गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी इमरान भाग निकला, लेकिन शाम करीब साढ़े चार बजे आरोपी इमरान अपने कुछ अन्य साथियों के साथ हथियार के साथ वापस दुकान पर पहुंचा और दुकानदार दीपक मनिहार पुत्र रामसिंह तथा दूसरे दुकानदार कृष्ण कुमार पुत्र गिर्राज प्रसाद गुप्ता पर फायरिंग कर दी। गोली लगने से दोनों दुकानदार घायल हो गए। जिन्हें कस्बे के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर भर्ती कराया गया। प्राथमिक उपचार के बाद दोनों घायलों को जिला अस्पताल रैफर कर दिया। बताया जा रहा है कि दोनों घायलों के छाती में गोली लगी है। इसमें से कृष्ण कुमार की गोली को सीएचसी के चिकित्सकों ने निकाल दिया।
घटना के बाद आरोपी इमरान को पुलिस ने अवैध हथियार के साथ गिरफ्तार कर लिया है। मौके पर शांति व्यवस्था के लिए पुलिस प्रशासन के साथ तहसीलदार भारत भूषण दीक्षित मौके पर तैनात है। बताते हैं कि खेड़ली रोड पर कस्बा निवासी दीपचन्द शेखावत व कृष्णकांत रावत दोनों किराना व आइसक्रीम पार्लर की दुकान करते हैं। इन्हीं की बगल में आरोपी युवक कस्बा निवासी इमरान मीरासी भी हेयर कटिंग की दुकान करता है। घटना की सूचना मिलने पर डीग के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बुगलाल मीणा, एसडीएम सुरेन्द्र कुमार, तहसीलदार भारत भूषण दीक्षित भी मौके पर पहुंचे। वहीं घटना की जानकारी मिलने पर किसान नेता नेमसिंह फौजदार भी मौके पर पहुंचे।
पुलिस की चूक पड़ी दो व्यापारियों पर भारी
इस घटना पर नजर डालें तो सामने आता है कि पुलिस की चूक दो व्यापारियों पर भारी पड़ी है। पुलिस ने साधारण झगड़ा मानकर मुख्य आरोपी को पकडऩे के लिए कोई कोशिश नहीं की। मतलब साफ है कि पुलिस के स्तर पर ही बड़ी लापरवाही बरती गई है। अगर आरोपी को समय पर गिरफ्तार कर लिया जाता तो वह इतनी बड़ी घटना को अंजाम नहीं दे पाता।
इस घटना पर नजर डालें तो सामने आता है कि पुलिस की चूक दो व्यापारियों पर भारी पड़ी है। पुलिस ने साधारण झगड़ा मानकर मुख्य आरोपी को पकडऩे के लिए कोई कोशिश नहीं की। मतलब साफ है कि पुलिस के स्तर पर ही बड़ी लापरवाही बरती गई है। अगर आरोपी को समय पर गिरफ्तार कर लिया जाता तो वह इतनी बड़ी घटना को अंजाम नहीं दे पाता।