आखिर कैसे हुआ अंतिम समय फॉर्म रिजेक्ट जिले में पंचायत समिति के एक वार्ड से एक भाजपा के कार्यकर्ता को टिकट थमा दिया गया। इसके बाद उसका सिंबल भी जमा करा दिया गया, लेकिन ऐन वक्त पर प्रभारी ने उसका बी फॉर्म रिजेक्ट कर दिया। ऐसे में कार्यकर्ता ने नाराजागी करते हुए प्रदेश मुख्यालय को शिकायत भेजी है। शिकायत में आरोप है कि सिंबल जमा होने के बाद टिकट काटना लाजिमी नहीं है। यह सब मिलीभगत के चलते हुआ है। इससे कार्यकर्ताओं में रोष है। शिकायत में आरोप है कि ऐसे प्रचलन से पार्टी को नुकसान हो सकता है।
छपा पोस्टर, उपजा विवाद जिला परिषद सदस्य पद के लिए जिले के एक वार्ड से नामी भाजपा प्रत्याशी मैदान में हैं। इनके छपे पोस्टर के बाद विवाद निकलकर बाहर आया है। वजह, इसमें भाजपा के एक कद्दावर नेता का चेहरा नहीं है। यह नेता प्रदेश तक अपनी धाक रखते हैं। इसके बाद भी इनका पोस्टर में नाम और फोटो नहीं होने पर यह चर्चा हर जुबां पर है। होर्डिंग्स से तो नेता गायब हुए ही हैं, लेकिन प्रचार में साथ होने के मामले में भी भाजपा कार्यकर्ता बैकफुट पर नजर आ रहे हैं। वजह, इन नामी प्रत्याशी के साथ जिले में रसूखात रखने वाले नेता साथ चल रहे हैं, जो कि दूसरी पार्टी से नाता रखते हैं। इसको लेकर भी कार्यकर्ताओं ने प्रदेश मुख्यालय तक शिकायत भेजी है।
कामां विधायक खुद भ्रष्टाचारी, शिकायत से ही हो चुका साफ भरतपुर. टिकट वितरण को लेकर कामां व नगर विधायक के बीच छिड़ी रार इतनी बढ़ गई है कि अब नगर विधायक वाजिब अली ने भी उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने प्रकरण की शिकायत कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से की है। साथ ही मुख्यमंत्री को भी प्रकरण से अवगत कराने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि जिले में से सिर्फ जिला परिषद् के वार्ड दो का कांग्रेस का टिकट निरस्त हुआ है। इसमें ज्यादा पंचायत नगर में ही है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने मुझे सिंबल दिया था। जिसे मैंने सिंबल दिया था उस प्रत्याशी ने तीन दिन पहले ही नामांकन दाखिल कर दिया था। उस वार्ड से बाहर अपनी विधानसभा क्षेत्र के आदमी को कामां विधायक जाहिदा खान ने टिकट दिया। कामां विधायक अगर इतनी ही ईमानदारी का तमगा लेकर घूम रही है तो जांच एसीबी से कराई जानी चाहिए। अगर उसमें हिम्मत है तो जांच कराई जाए। कामां विधानसभा में कामां, पहाड़ी व सीकरी इलाके में उनके ही आदमी बड़ा पैमाने पर अवैध खनन कर रहे हैं। कामां विधायक की सांठगांठ से ये सारे मामले चल रहे हैं। लोग रोज शिकायत कर रहे हैं। मैग्जीन के नाम पर एक्स्ट्रा राशि वसूल की जा रही है, यह सब भ्रष्टाचार में वो खुद ही शामिल हैं। खुद ने डबल सिंबल दिए है। भ्रष्टाचार से भागने के लिए वेदप्रकाश सोलंकी को शिकायत की गई है। जबकि उनका टिकट वितरण से कोई मतलब नहीं है। पत्र में बसपा विधायक कहा गया है। मैडम उससे खुश नहीं है कि मैं कांग्रेस में शामिल हो गया हूं। पायलट गुट से शिकायत कर वो गुटबाजी को बढ़ावा दे रही हैं। मेरी चुनौती है कि अगर वो ईमानदार हैं तो टिकट वितरण और अवैध खनन के नाम पर भ्रष्टाचार के प्रकरण की जांच कराई जाए। ताकि भ्रष्टाचार में कौन-कौन शामिल है और खुद की ही सरकार को बड़े पैमाने पर राजस्व की जो हानि पहुंचाई जा रही है, उसके दोषियों की सच्चाई सामने आ सके। बसपा से जीतने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व पार्टी की विचाराधारा से प्रेरित होकर पार्टी में शामिल हुए थे, लेकिन लगता है कि कामां विधायक को यह बात पच नहीं रही है, लेकिन मैं हर तरीके से सीएम अशोक गहलोत के साथ था और रहूंगा, लेकिन अपने विधानसभा क्षेत्र में भ्रष्टाचार और दलाली को कोई स्थान नहीं दिया जाएगा।