जब हमारे पास किसी को बताने के लिए जवाब नहीं होता। जब यही कहा जाता है कि हम सरकार के खिलाफ हैं। कौन किसके पक्ष में है विपक्ष में है। यह कोई जवाब नहीं है। कोई किसी के खिलाफ होकर उसके पक्ष में हो जाता है तो कोई किसी के पक्ष में होकर उसके खिलाफ हो जाता है। लोकसभा चुनाव में हिंदुत्व के सवाल पर कहा कि हमारे घर में जब रोटी बनती है तो सबसे पहली रोटी गाय को खिलाई जाती है। हम सनातन धर्मियों के यहां ऐसा होता है।
इसका मतलब है कि सनातन धर्मियों में एक बात साफ है कि गाय हमारे लिए बहुत महत्व रखती है। हिंदुत्व की दुहाई देने वालों को सत्ता में आने के 10 साल बाद भी गोहत्या बंद नहीं हुई। पॉवर की कुर्सी पर बैठे हैं और गाय काटते चले जा रहे हैं। फिर भी कहते हैं कि हम हिंदू है। हिंदू है तो हिंदू जैसा करके दिखाओ। कोई क्या मानता है उससे मतलब नहीं है। हिंदुत्व के लिए काम करना चाहिए। गौहत्या बंद करनी चाहिए। मेवात के अंदर यात्रा के दौरान हरियाणा सरकार के सामने गोकशी पर चिंता जताई थी। वहां हिंदुओं का मनोबल बढ़ाया है।
कांग्रेस नेता नाना पटोले के बयान पर उन्होंने कहा कि शुद्धिकरण करने के लिए पहले हमें शुद्ध होना चाहिए। पहले कांग्रेस पार्टी को शुद्ध होना होगा। 55 साल तक कांग्रेस ने राज कर गौहत्या की है। सभी कांग्रेसी मुंडन कराकर गायों से क्षमा मांगें। साष्ठांग प्रणाम करने से गाय क्षमा कर दे तो वह शुद्ध होंगे। वह खुद अशुद्ध है तो वह ऐसी बात नहीं कर सकते। बाकी रही बात मोदी की तो वह कुछ भी बोल देते हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से मंदिर बना है। 1949 से मुकदमा चला है।
लंबे समय से गवाही, साक्ष्य होने के बाद यह हुआ है। किसी पार्टी में इतना साहस नहीं है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को बदल दे। इतना दम कांग्रेस ही नहीं भाजपा में भी नहीं है। जगदगुरू स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती ने कहा कि जब हमको जरुरत पड़ जाएगी कि हमें ऐसी सरकार चाहिए जो गोहत्या बंद करे। सत्ता में बैठते ही हत्या बंद कर दे। ऐसी मांग जनता सरकार से करे तो या तो पुराने लोग ही गोहत्या बंद करा देंगे। या फिर नए लोग आएंगे।
Rajasthan Samachar : ईसाईकरण की ओर जा रहा देश
उन्होंने कहा कि देश ईसाईकरण की ओर जा रहा है। हिंदू बदल रहे हैं। सिर से चोटी, माथे से तिलक, गले से कंठी गायब हो गई। नहाने खाने का तरीका बदल गया। सभी अपना जन्मदिन अंग्रेजी तारीख से मना रहे हैं। 80-85 फीसदी ईसाई हो गए। 10-15 प्रतिशत हिंदू रह गए हैं। गौमांस खाने से परहेज करते थे। जबरन खिलाया जाता था। अब सामान्य कहा जा रहा है। मुसलमाल गाय का मांस खाकर भी धार्मिक रह सकता है। ईसाई गोमांस खाकर धार्मिक बना रहेगा। ऐसे हिंदू भी गोमांस खाने लग गए हैं। जब हिंदू गोमासं खाने लग जाएगा तो उन्हें धर्म परिवर्तन कराना आसान हो जाएगा। गौमांस के बारे में देश में सहज मानिसकता बनाई जा रही है। जो कि चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा कि देश ईसाईकरण की ओर जा रहा है। हिंदू बदल रहे हैं। सिर से चोटी, माथे से तिलक, गले से कंठी गायब हो गई। नहाने खाने का तरीका बदल गया। सभी अपना जन्मदिन अंग्रेजी तारीख से मना रहे हैं। 80-85 फीसदी ईसाई हो गए। 10-15 प्रतिशत हिंदू रह गए हैं। गौमांस खाने से परहेज करते थे। जबरन खिलाया जाता था। अब सामान्य कहा जा रहा है। मुसलमाल गाय का मांस खाकर भी धार्मिक रह सकता है। ईसाई गोमांस खाकर धार्मिक बना रहेगा। ऐसे हिंदू भी गोमांस खाने लग गए हैं। जब हिंदू गोमासं खाने लग जाएगा तो उन्हें धर्म परिवर्तन कराना आसान हो जाएगा। गौमांस के बारे में देश में सहज मानिसकता बनाई जा रही है। जो कि चिंता का विषय है।