रिपोर्ट सही या गलत? अस्पताल प्रशासन ने मामले की जांच कराकर रिपोर्ट जिला कलक्टर के यहां पेश की है। इस मामले में जिला प्रशासन की ओर से अभी तक किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है। अस्पताल प्रशासन की रिपोर्ट में कितनी सच्चाई है यह पीडि़ता के बयानों के बाद भी पता चल सकेगा, लेकिन जिला प्रशासन की चुप्पी के चलते अभी तक इसका खुलासा नहीं हो सका है।
सरकारी अस्पतालों में चलता है कमीशन का खेल इस प्रकरण के सामने आने के बाद एक बार फिर सवाल उठ रहा है कि आखिर सरकारी अस्पतालों में ऑपरेशन कराने के नाम पर कमीशनबाजी का खेल थम क्यों नहीं रहा है। जांच का जिम्मा खुद उनको दिया जाता है जो कि दोषी होते हैं। सफलता का श्रेय लेने वाले व छोटी-छोटी उपलब्धि का तमगा लेने वाले अफसर क्यों शांत बने हुए हैं। पीडि़त सुनीता का आरोप है कि आरबीएम अस्पताल में उससे पैर के ऑपरेशन के लिए दस हजार रुपए मांगे। साथ ही यह डर भी बताया गया कि उसका पैर काटना पड़ सकता है। हालांकि यह बातें अस्पताल प्रशासन की ओर से न कहकर किसी अन्य व्यक्ति ने कही थी। बताते हैं कि अस्पताल में सक्रिय किसी दलाल गिरोह के सदस्य ने ही महिला मरीज से रुपए मांगे थे। करीब ढाई साल पहले भी आरबीएम अस्पताल में हड्डी का ऑपरेशन कराने के नाम पर कमीशनबाजी व निजी अस्पताल में ऑपरेशन कराने के लिए दबाव बनाने का मामला सामने आया था।
-महिला का पता आदि की जानकारी की गई है। संस्था या किसी अन्य माध्यम से महिला की आर्थिक मदद की जाएगी। इस बारे में जांच भी कराई जा रही है। पीएमओ से भी जानकारी ली गई है।
नथमल डिडेल
जिला कलक्टर
-जिला कलक्टर ने दुबारा प्रकरण की जांच के आदेश दिए हैं। महिला की तलाश की जा रही है। इस बारे में जिला कलक्टर से भी बात हो चुकी है। डॉ. केसी बंसल
कार्यवाहक अधीक्षक आरबीएम अस्पताल
जिला कलक्टर
-जिला कलक्टर ने दुबारा प्रकरण की जांच के आदेश दिए हैं। महिला की तलाश की जा रही है। इस बारे में जिला कलक्टर से भी बात हो चुकी है। डॉ. केसी बंसल
कार्यवाहक अधीक्षक आरबीएम अस्पताल